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Mon. Dec 15th, 2025

कोवाली सरस्वती शिशु मंदिर में अपुर पाठशाला खोला गया 200 से अधिक बच्चे बंगला सीखने के लिए हुई राजी

माताजी आश्रम हाता की सहयोग से कोवाली सरस्वती शिशु मंदिर में बंगला भाषा शिखाने के लिए विधिवत अपुर पाठशाला खोला गया।इस अबसर पर सम्मानीय अतिथि के रूप में साहित्यकार सह समाजसेवी सुनील कुमार दे,शिक्षाविद सह समाज सेवी शंकर चंद्र गोप,पूर्व जिला परिषद सह समाजसेवी करुणामय मंडल,गाजुड़ संस्था के संस्थापक सह समाजसेवी जन्मेजय सरदार,माताजी आश्रम के अध्यक्ष कृष्ण पद मंडल उपस्थित थे।विद्यालय की ओर से अंग वस्त्र देखर अतिथियों का स्वागत किया गया। जीसके पश्चात दीप प्रज्वलित किया तथा माँ सरस्वती और भारत माता की प्रतिकृति पर पुष्प प्रदान किया।विद्यालय प्रबंधन कमिटी के सचिव पिंटू गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत किया तथा बच्चों को विद्यालय में बंगला शिखाने का पहल को स्वागत किया।इस अबसर पर सुनील कुमार दे ने कहा,,,मातृभाषा बंगला को बचाने के लिए माताजी आश्रम की ओर से गांव गांव में पहल किया जा रहा है।इस प्रयास को साकार करने के लिए गांव गांव में और विद्यालयों में अपुर पाठशाला खोला जा रहा है और लोगों को प्रेरित किया जा रहा है।करुणामय मंडल ने कहा,,,मातृभाषा का कोई विकल्प नहीं है इसलिए हर बच्चे को अपनी मातृभाषा सीखना चाहिए।शंकर चंद्र गोप ने कहा,,,शिशु मंदिर बच्चे को शिक्षा के साथ साथ अच्छा संस्कार भी देते हैं।विद्यालय ने बच्चे को बंगला शिखाने का जो संकल्प लिया है इसके लिए मैं विद्यालय के प्रबंधन कमिटी और शिक्षकों को धन्यवाद देता हूँ।जनमेजय सरदार ने कहा,,,मातृभाषा माँ का दूध का समान है।मातृभाषा के बिना शिक्षा अधूरी है।सरकार को भी बच्चे को मातृभाषा में शिक्षा देने पर ध्यान देने की जरूरत है।इस अबसर पर गाजुड़ संस्था की ओर से बंगला शिखने वाले बच्चे को वर्ण परिचय के साथ कलम और कॉपी दिया गया।करीब 200 से अधिक बच्चें ने बंगला शिखने के लिए तैयार हो गए।।सप्ताह में एकदिन एक घंटे तक बच्चे को विद्यालय में बंगला शिखाया जायेगा जिसमे बच्चे की पढ़ाई में कोई बाधा नहीं होगी।इस अबसर पर, जय हरि सिंह मुंडा,मृणाल पाल, उज्वल मंडल,कृष्ण मंडल,आशुतोष मंडल के अलावे विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाएं और विद्यालय के बच्चे उपस्थित रहे।

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