डालसा द्वारा संचालित लिगल एड क्लिनिक पोटका में बच्चों के साथ बाबा साहब डॉ भीम राव आंबेडकर की जयंती मनाई गई उनके जीवनी के बारे में चर्चा की गई और कैसे वो संघर्ष कर के हमारे समाज से छुआ छूत और ऊंच नीच की धारणा को खत्म करने के शुरुआत किया और देश के कमजोर वर्ग को संविधान का निर्माण कर के बहुत सारे अधिकार दिए एवं अपने कर्तव्य पालन करने का प्रेरित किया जिनसे की हमारे देश सुचारू रूप से चल सके डॉ आंबेडकर जिनका जन्म 1891 में मध्य प्रदेश के महू नगर में एक दलित परिवार में हुआ था वो जात पात ऊंच नीच के भेदभाव से हमेशा लड़ते रहे उन्हें शिक्षा को एक मात्र हथियार बनाया सभी को समानता का अधिकार और बाराबरी का दर्जा दिलाने के लिए सबसे अहम भूमिका निभाए।डॉ आंबेडकर को भारतीय संविधान का शिल्पकार कहा जाता है।उन्होंने भारत के संविधान की रचना करते समय यह सुनिश्चित किया कि देश के प्रत्येक नागरिक को चाहे वो किसी भी जाति,धर्म,भाषा या वर्ग से हो उन्हें समानता,न्याय और स्वतंत्रता का अधिकार मिले।आज भी जो हमारे समाज में भेदभाव,असमानता और अन्याय व्याप्त है उसे दूर करने की आवश्यकता है आज के दिन आईए हम सब संकल्प लें हमारे समाज में पल रहे अंधविश्वास,जात पात,ऊंच नीच के भावना को जड़ से मिटाएंगे और डॉ आंबेडकर की सपना को साकार करेंगे।
डालसा द्वारा संचालित लीगल एंड क्लिनिक पोटका में बच्चों के साथ बाबा साहेब डॉ भीम राव अंबेडकर की जयंती मनाई गई
