पोटका के हरिणा स्थित मागाड़ बुरु दिशुम जाहेर स्थान पर भूमिज समाज का 44वां दिशुवा हादी बोंगा पर्व का आयोजन आदिम भूमिज मुंडा समाज कल्याण समिति बूनुडी के द्वारा धूमधाम से किया गया। मौके पर झारखंड समेत चार राज्यों से हजारों संख्या में भूमिज समाज के लोगों जुटे थे । सर्वप्रथम नाया सुशांत सरदार के नेतृत्व में हरिणा जाहेर स्थान में सरहुल पूजा कर ,छेत्र क्षेत्रवासियों के लिए सुख, शांति , समृद्धि के मंगल का कामना किया गया। इस कार्यक्रम में सहयोगी की भूमिका टाटा स्टील फाउंडेशन ने निभाया। पूजा उपरांत शाम को भव्य शोभायात्रा निकालकर दिशुम नाया का स्वागत किया गया। इस दौरान अपनी सांस्कृतिक वेशभूषा में सामुहिक सरहुल नृत्य मे कई हजारों संख्या में लोगो ने भाग लिया। कार्यक्रम में आयोजन के मुख्य संरक्षक विधायक संजीव सरदार ने नगाड़ा बजाकर सभी का उत्साह बढ़ाया। मौके पर विधायक संजीव सरदार ने कहा कि प्रकृति से जुड़ा सरहुल पर्व आदिवासी समाज का प्रमुख पर्व है। आदिवासी समाज के लोग सरहुल पर्व को धूमधाम के साथ मनाते है। भूमिज समाज के द्वारा हरिणा में ऐतिहासिक सरहुल महोत्सव मनाया जाता है, यहां देश के विभिन्न क्षेत्र मे रहनेवाले भूमिज समाज के प्रतिनिधि शामिल होते है। उन्होंने सरहुल देवता से क्षेत्र के लिये अच्छी बारिश, अच्छी फसल की कामना किया। कार्यक्रम में विधायक संजीव सरदार ने सभी नाया-देवरी को धोती एवं गमछा देकर सम्मानित किया। भग्य सरहुल कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, विधायक संजीव सरदार, पूर्व विधायक मेनका सरदार, पार्षद सविता सरदार, पार्षद सोनमनी सरदार,सीओ निकीता बाला,विभीषण सिंह सरदार, विधायक संजीव सरदार की धर्मपत्नी रानीता सरदार,असम से प्रतिनिधि मकर सिंह सरदार, बाबुल भूमिज,जूली भूमिज, ओडिशा से मानगु सिंह, सुजाता सिंह, पश्चिम बंगाल से लक्ष्मी नारायण सिंह, स्थानीय मुखिया सरस्वती मुर्मू, मुखिया सिमती सरदार,पानो सरदार, कार्तिक मुर्मू,मिरु सरदार,व, संगीता सरदार सिद्धेश्वर सरदार, जयपाल सिंह सरदार, रंजीत सरदार, मनोज सरदार सहित अन्य उपस्थित थे। आयोजन को सफल बनाने मे मुख्य रूप से श्रीपति सरदार, रघुनाथ सरदार, कालिदास सरदार, संजय सरदार, फुलचांद सरदार (लाल), दीपक कुमार सरदार, अवित्र सरदार, चंका सरदार, सोमनाथ सरदार, सतीश सरदार, हिरो सिंह सरदार, चंका सरादर, चित्त सरदार, संजय सरदार (बी), मनोरंजन सरदार, भरत सरदार, मधु सरदार, लक्ष्मण सरदार, राजु सरदार, बलराम सरदार, फुलचांद सरदार, रतन सरदार, भुवनेश्वर सरदार, गोपीनाथ सरदार, हेमाल सरदार, अशोक सरदार, कार्तिक सरदार, बिहारी लाल सरदार, भृगुराम सरदार, कालिचरण सरदार, दमयंती सिंह, असीत सरदार, मनोज सरदार आदि का सराहनीय योगदान रहा।