जमशेदपुर:** सुवर्ण वर्णिक समाज, कदमा शाखा की ओर से रविवार को कदमा स्थित समाज भवन में 12वां वार्षिक बुजुर्ग एवं विधवा सम्मान सह वनभोज का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ समाज के वरिष्ठ सदस्यों द्वारा कुलदेवी श्री श्री मां बाघेश्वरी देवी की तस्वीर पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और समाज के प्रदेश अध्यक्ष **संजय पोद्दार** ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे अभिभावक स्वरूप बुजुर्ग आज अपने आप को अकेला महसूस करते हैं। उन्होंने बताया कि पहले के समय में परिवार के हर छोटे-बड़े फैसले में बुजुर्गों की राय ली जाती थी, लेकिन आजकल युवा पीढ़ी मोबाइल और इंटरनेट में व्यस्त रहती है। संजय पोद्दार ने बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक संस्कृति और बुजुर्गों का सम्मान करना सिखाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि हम आज बुजुर्गों का सम्मान करेंगे, तो कल हमारे बच्चे भी हमारा सम्मान करेंगे।
**जिला अध्यक्ष रवि माझी** ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बुजुर्गों का सम्मान हर घर में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग परिवार और समाज की धरोहर हैं, और उनके अनुभवों से नई पीढ़ी को सीखने की जरूरत है।
कार्यक्रम को समाज के संरक्षक **विश्वनाथ चंद्र**, प्रदेश सचिव **दीपक दत्ता**, **गोपाल दत्त**, **निर्मल चंद्र**, **दिलीप दत्त**, **संजय दत्त**, **सनोज चंद्र** सहित अन्य प्रमुख सदस्यों ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर कुल **140 बुजुर्ग एवं विधवाओं को सम्मानित** किया गया। इस आयोजन में समाज के कई अन्य गणमान्य सदस्य भी उपस्थित थे, जिनमें समीर दत्त, सनातन चंद्र, नेपाल माझी, अशोक साव, प्रशांत पोद्दार, महादेव सेन, अनिल मांझी, कंचन दत्त, उज्जवल दास, विनोद माझी, राजेंद्र दत्त, दुर्गा दत्त, राजू दास, दीपू मांझी और दुलाल साव शामिल थे।
कार्यक्रम का उद्देश्य बुजुर्गों को उनके योगदान के लिए सम्मानित करना और समाज में उनके महत्व को पुनर्स्थापित करना था। आयोजकों ने इसे एक सफल आयोजन बताया और भविष्य में ऐसे कार्यक्रमों को जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।