Breaking
Sun. Mar 30th, 2025

हरिनाम संकीर्तन झारखंड का महान धार्मिक परंपरा और संस्कृति है,,,, सुनील कुमार दे।

पोटका के सानग्राम में दो दिवसीय बुधवार बादशाह 26 मार्च को अखंड हरिनाम संकीर्तन का शुरूआत हुआ।इसका उद्घाटन धूप और द्वीप प्रज्ज्वलित करके साहित्यकार सह समाज सेवी सुनील कुमार दे ने किया।इस दौरान सुनील कुमार दे ने कहा कि हरिनाम संकीर्तन झारखंड का एक महान धार्मिक परंपरा और संस्कृति है। जो कि जीवन के साथ जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहाआज से करीब 500 वर्ष पहले भक्ति आंदोलन का जनक चैत्यन्य महाप्रभु ने इस हरिनाम संकीर्तन का प्रचार और प्रसार किया था।हरिनाम, हरि साधना का एक सरल उपाय है।हरिनाम करने से शरीर और मन दोनों पवित्र होता है।इस हरिनाम संकीर्तन में बुरुडीह,सानग्राम,हेसलबिल,बांकुड़ा के तीन और उड़ीसा के तारना कीर्तन मंडली ने भाग ले रहे हैं।हरिनाम संकीर्तन का समापन 28 मार्च को होगा।इस अबसर पर सुनील कुमार दे के अलावे बलराम गोप,निवारण मंडल,तपन मंडल,महानंद मंडल,सुधांशु मंडल,शम्भू नाथ मिश्र, स्वपन मिश्र,देव् दुलाल मिश्र,जयदेव मंडल,पीयूष मंडल,नेहार रंजन मंडल,ज्ञान रंजन मंडल,निरंजन मंडल,निखिल मंडल,सुबोध मंडल,अशेष मंडल,चंचल मंडल,दिलीप कुंडू,सुमन मंडल,स्वराज मंडल,प्रह्लाद नंदी,मंटू नंदी,अभिषेक सरदार,विशेष मंडल,सुभब्रत मंडल आदि उपस्थित रहे।

Related Post