गुड़ाबांदा (पूर्वी सिंहभूम): गुड़ाबांदा प्रखंड के सिंहपुरा गांव के मदनकोचा टोला से सटे जंगल में शुक्रवार को ग्रामीणों ने एक बछड़े का क्षत-विक्षत शव देखा। यह बछड़ा नामोशोल के किसान कैलाश मुर्मू का बताया जा रहा है। घटना के बाद क्षेत्र में बाघ की मौजूदगी की आशंका से ग्रामीणों में दहशत फैल गई। आसपास के गांवों के लोग जंगल क्षेत्र में जाने से डरने लगे हैं।
वनरक्षी ने दी सफाई, लकड़बग्घा का बताया शिकार
वनरक्षी अभिलाष महतो ने बाघ के होने की संभावना को खारिज करते हुए बताया कि यह घटना लकड़बग्घा के शिकार की है। उन्होंने कहा कि गुड़ाबांदा क्षेत्र के जंगलों में बाघ नहीं है। वहीं, वन एवं पर्यावरण समिति की अध्यक्ष पुष्पा महतो ने भी बताया कि सिंहपुरा के मदनकोचा जंगल में बाघ की उपस्थिति नहीं है। ग्रामीणों को बेवजह भ्रमित नहीं होना चाहिए।
ओडिशा से आई बाघिन की घटना अब भी याद
गौरतलब है कि कुछ समय पहले ओडिशा के शिमलपाल टाइगर रिजर्व से एक बाघिन भागकर गुड़ाबांदा क्षेत्र में पहुंच गई थी। इस घटना के बाद एक सप्ताह तक ग्रामीणों में डर का माहौल बना रहा। बाद में उक्त बाघिन को बंगाल के बांकुड़ा से पकड़ लिया गया था। हालांकि, इस घटना का असर अब भी लोगों के मन में बना हुआ है, जिससे हर नई घटना बाघ की आशंका को जन्म दे रही है।
ग्रामीणों में बढ़ा डर, हाट में दिखी कम भीड़
मदनकोचा टोला के जंगल में बछड़े का शव मिलने के बाद शुक्रवार को सिंहपुरा हाट में लोगों की संख्या अपेक्षाकृत कम दिखी। ग्रामीण अब भी क्षेत्र में बाघ के डर से सहमे हुए हैं। वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सतर्क रहें।
वन विभाग की अपील
वन विभाग ने कहा कि यदि किसी को जंगल में किसी जंगली जानवर की संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दें। क्षेत्र में निगरानी बढ़ाई जा रही है और लोगों को सुरक्षा का आश्वासन दिया गया है।