Breaking
Thu. Jan 9th, 2025

एक थाना प्रभारी ऐसा भी: बंदूक के साथ किताबों का सिपाही”

जमशेदपुर : आमतौर पर पुलिस का काम कानून-व्यवस्था बनाए रखना होता है, लेकिन सरायकेला के एक जाबाज थाना प्रभारी ने अपने कर्तव्य से आगे बढ़कर समाज में शिक्षा और जागरूकता का दीप जलाने का बीड़ा उठाया है।

कुणाल कुमार सरायकेला के गमहरिया  में बतौर थाना प्रभारी तैनात हैं,अपने खाली समय में जरूरतमंद लोगों को किताबें बाँटते हैं। उनका मानना है कि शिक्षा हर समस्या का समाधान है।

पुस्तक वितरण की शुरुआत:
कुणाल ने बताया कि उन्होंने यह पहल तब शुरू की जब उन्होंने साकची थाना में प्रभारी के दौरान एक छोटे बच्चे को स्कूल बैग के बिना सड़क किनारे पढ़ाई करते देखा। उसी दिन उन्होंने तय किया कि वह जरूरतमंद बच्चों और बड़ों तक किताबें पहुँचाएंगे।

कैसे करते हैं काम: 
कुणाल कुमार अपने वेतन का एक हिस्सा किताबें खरीदने में लगाते हैं और कभी-कभी दोस्तों और सहकर्मियों से भी मदद लेते हैं। वे बच्चों को स्कूल की पाठ्यपुस्तकें, साहित्यिक किताबें और प्रेरणादायक पुस्तकें देते हैं। इसके अलावा, गाँवों और छोटे कस्बों में जाकर लोगों को पढ़ाई के महत्व के बारे में जागरूक करते हैं।

समाज का बदलता चेहरा: 
उनकी इस अनूठी पहल से न केवल बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ी है, बल्कि कई लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित हुए हैं। साकची थाना क्षेत्र में रहने वाले बँटी कहते हैं,इन्होंने हमारे घरों के बच्चों को पढ़ाई का महत्व समझाया। हम उनके आभारी हैं!

कुणाल कुमार का मानना है कि हर व्यक्ति अपनी जगह से बदलाव ला सकता है। “अगर हर कोई थोड़ा-थोड़ा योगदान दे, तो समाज बेहतर बन सकता है,।
बिरसानगर के रहने वाले राकेश रंजन कहते हैं,इनकी नेक काम की कहानी हमें यह सिखाती है कि वर्दी में भी एक ऐसा दिल धड़कता है, जो समाज को बेहतर बनाने के लिए समर्पित है। कानून की रक्षा के साथ शिक्षा का यह प्रहरी सचमुच अद्भुत है।

Related Post