चाईबासा-: जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के जैंतगढ़ मोची साही में स्थित लगभग 200 वर्ष पुराने नीलकंठ शिव मंदिर के शिवलिंग को 1 नवम्बर की शाम को कुछ अज्ञात असामाजिक तत्वों द्वारा तोड़ दिया गया, जिससे पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया है। इस घटना से सभी धर्म और समुदाय के लोगों में कड़ी नाराजगी है, और इस कृत्य के विरोध में दर्जनों लोगों ने झंडा चौक पर टायर जलाकर मुख्य सड़क मार्ग को जाम कर दिया। लोगों ने सभी दुकानों को बंद करा दिया और कड़ी कार्रवाई की मांग की।
शुक्रवार शाम को जब मंदिर में संध्या दीप जलाने एक भक्त पहुंचा, तो उसने देखा कि शिवलिंग और अन्य मूर्तियां टूटी हुई हैं। इसकी सूचना मिलने के बाद लोगों में आक्रोश फैल गया, और बड़ी संख्या में लोग जुट गए। उन्होंने टायर जलाकर मुख्य सड़क मार्ग को जाम कर दिया, जिससे पूरे इलाके में तनाव का माहौल बन गया।
घटना के दूसरे दिन 2 नवम्बर को जैंतगढ़ और चम्पुआ (ओडिशा) के दुकानदारों ने स्वतः ही अपनी दुकानें बंद रखी। इस घटना के कारण शनिवार को जैंतगढ़ में लगने वाली साप्ताहिक हाट में भी किसी प्रकार का कोई व्यापारिक गतिविधि नहीं हो पाई। नो एंट्री की वजह से शाम आठ बजे के बाद वाहनों का परिचालन शुरू होगा। पुलिस ने घटना में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक तरीकों का सहारा लिया है और मंदिर क्षेत्र में सक्रिय सभी मोबाइल नंबरों की जांच की जा रही है ताकि दोषियों का जल्द से जल्द पता चल सके।
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजसेवी आमीर हिन्दुस्तानी ने कहा कि जैंतगढ़ और आसपास के क्षेत्र में सभी धर्म और समुदाय के लोग आपसी सौहार्द और भाईचारे के साथ रहते हैं। उन्होंने कहा कि जैंतगढ़ में ऐसी घटना पहले कभी नहीं घटी। समाज में इस घटना की कड़ी निंदा होनी चाहिए और पुलिस-प्रशासन को इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति किसी धार्मिक स्थल के साथ ऐसा दुर्व्यवहार करने का साहस न कर सके। स्थानीय लोग चाहते हैं कि पुलिस-प्रशासन अविलंब दोषियों को गिरफ्तार कर कड़ी सजा दे ताकि जैंतगढ़ का आपसी भाईचारा और एकता बनी रहे।