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Mon. Feb 24th, 2025

आजसू गढ़ सिल्ली ,ईचागढ़ में जयराम महतो की पार्टी बनी खतरे की घंटी

चांडिल झारखंड लोकसभा चुनाव के परिणाम कुछ भी हो लेकिन जे. बी.के. एस. एस . ने सिल्ली ओर ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र में आजसू पार्टी के गढ़ में सेंधमारी कर खतरे की घंटी बजा दी . इस बीच झारखंड की राजनीति गलियारों में बड़ी चर्चा,की जयराम महतो की पार्टी-झारखंडी भाषा खतियानी संघर्ष समिति (जेबीकेएसएस) का झारखंड की राजनीति में बड़ी ताकत बनकर उभरना. खासकर, आजसू पार्टी के अस्तित्व लिए इसे खतरे की घंटी के रूप में देखा जा रहा है. यहां तक की आजसू के गढ़ सिल्ली विधानसभा क्षेत्र में भी इस लोकसभा चुनाव में जेबीकेएसएस की दमदार 47 हजार वोट की धमक ने आजसू की जमीन को हिला दी है.राजधानी पोर्टल न्यूज में खबर छपी थी जे. बी.के. एस. की आजसू समर्थको की सेंधमारी. जो सही साबित हुई. खैर बात झारखंड के सबसे हॉट सीट रांची लोकसभा सीट की , भले ही इस सीट से भाजपा प्रत्याशी संजय सेठ जीत हासिल करने में सफल रहें, लेकिन पूरे ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में जयराम महतो की पार्टी जेबीकेएसएस धमाकेदार उपस्थिति ने आजसू पार्टी संगठन की घटती लोकप्रियता की पोल खोल दी. इसका परिणाम यह रहा कि रांची से जेबीकेएसएस प्रत्याशी देवेंद्र नाथ महतो करीब 1.50 लाख से अधिक वोट लाने में सफल रहें. रही बात सिल्ली विधानसभा क्षेत्र की तो इस सीट से आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो चुनाव लड़ते हैं. जाहिर तौर पर यह क्षेत्र आजसू का गढ़ है.साथ ही पड़ोसी विधान सभा ईचागढ़ की भी नीव हिल गई. अब तक मिले मतों के आंकड़ों के मुताबिक सिल्ली से भाजपा को जहां लगभग 57281 मत मिले, वहीं जेबीकेएसएस ने भी इस क्षेत्र में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करते हुए करीब 47000 मत प्राप्त किये. और कांग्रेस पार्टी लगभग 39000 मतों के साथ यहां तीसरे नंबर पर रही. वही ईचागढ़ से 38 हजार मत जे. बी.के. एस. एस. को मिले जो आजसू के खिसकते जनाधार की ओर इशारा है. आजसू केंद्रीय महासचिव हरे लाल महतो को महत्वकांक्षा पूरी करनी है तो, राजनीति भविष्य के लिए ,नए सिरे से जमीन तालशनी होंगी . मतलब साफ है यदि सिल्ली में पहले की तरह आजसू का मजबूत किला साबित होता तो रांची संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी की जीत का अंतर बेहद ज्यादा हो जाता, लेकिन जेबीकेएसएस के इस क्षेत्र तेजी से बढ़ते प्रभाव की वजह से ऐसा हो नहीं पाया. दूसरी ओर ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां से भाजपा 96 हजार मतों के साथ पहले नंबर पर और कांग्रेस 58 हजार मतों के साथ दूसरे नंबर पर रही, लेकिन यहां भी जेबीकेएसएस प्रत्याशी ने करीब 38 हजार वोट प्राप्त किए. माना जा रहा है आने वाले दिन में भाजपा के लिए आजसू पार्टी भरोसे वाली पार्टी नही रही . जेबीकेएसएस की इस क्षेत्र में इस तेजी से प्रभाव बढ़ता रहा तो यह आजसू के साथ सहयोगी दल भाजपा को नए सिरे से सोचना होगा.आजसू पार्टी का कुर्मी जाति में जनाधार ज्यादा है जैसा की राजनीति विश्लेषक की माने तो. वो अब जे. बी.के.एस. एस. की और घिसक रहे है. क्योंकि जहां सिल्ली विधानसभा क्षेत्र को पार्टी सुप्रीमो सुदेश महतो,और ईचागढ़ क्षेत्र आजसू पार्टी

नेता हरेलाल महतो के गढ़ के रूप में देखती रही है, लेकिन जिस तरह से दोनों विधानसभा क्षेत्रों में जेबीकेएसएस के दमदार उपस्थिति को देखते हुए कहें कि यह आजसू के साथ भाजपा के लिए भी खतरे की घंटी है, अब भाजपा को आत्मसात करने की जरूरत है इस बदले समीकरण में ?

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