-पोटका प्रखंड अंतर्गत बड़ा सिगदी गांव के बड़ा सिगदी पर्यावरण चेतना केंद्र सभा भवन में आदिवासी भूमिज समाज के सांस्कृतिक परंपरा रीति रिवाज पर दो दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिन के चर्चा में निकले हुए बिंदुओं को लिखित रूप से प्रस्तुत कर ग्राम सभा से लेकर समाज की बड़ी सभा तक पहचान करने का चर्चा किया गया। अंतिम दिन आदिवासी भूमिज समाज का विशिष्ट जन्म संस्कार, विशिष्ट शादी विवाह संस्कार, विशिष्ट मृत्यु संस्कार कार्यशाला का आयोजन हुआ। प्राचीन काल से आदिवासी भूमिज समाज का एक विशिष्ट मृत्यु संस्कार विद्यामान है। पाश्चात्य संस्कृति आजकल समाज में विकृति पैदा हो रहा है, जिसे आदिवासी भूमिज समाज में विभीधता देखने को मिलता है.। आधुनिक काल में समूह, संस्कार, विकृति से बचाने के लिए यह कार्यशाला की जरूरत पड़ा एवं समाज में मृत्यु संस्कार परंपरा अनुसार कायम रखने के लिए समय-समय पर आदिवासी भूमिज समाज झारखंड के द्वारा आयोजन किया जाता है। इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रखंड, जिला एवं राज्यों से जैसे कि पोटका ,निमडी,डुमरिया, राजनगर ,पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला खरसावां, उड़ीसा, झारखंड से समाज के सदस्यों ने भाग लिया। मृत्यु होने के बाद रापा -तोपा, उप शासन निशानदिरि घाट एवं सुकू- दुकू के बारे में, विधि विधान के डेमो के माध्यम से जानकारी का आदान प्रदान किया गया। शादी एवं मृत्यु संस्कार के साथ संस्कृतिक रीति रिवाज को लिपिबद्ध कर समाज के हर व्यक्ति, परिवार तक पहुंचाने का कार्य करना एवं ग्राम सभा में यह दर्शन दर्शाने एवं मान्यताओं कायम रखने की कार्य करना और व्यापक रूप से प्रचार प्रसार किया जाएगा कार्यशाला के अंतिम दिन जयपाल सिंह सरदार, हरीश भूमिज, सिद्धसर सरदार, सोनाराम भूमिज, मोकरो सिंह, बुद्धेश्वर सरदार शत्रुघ्न सरदार गौरी सरदार पिंकी सरदार जयंती सरदार आरती सरदार सहदेव सरदार डीजे सरदार प्रियंका सरदार पूजा सरदार श्री गिनी सरदार आदि उपस्थित रहे