सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री वर्ष 1948 से अविभाजित बिहार की दूसरी सबसे बड़ी व्यवसायिक संस्था के रूप में शुरूआत कर अपने गौरवान्वित करने वाले इतिहास के 75वां वर्ष में प्रवेष कर चुका है और अपना प्लेटिनम जुबिली वर्ष मना रहा है। सत्र दर सत्र अतीत के 75 वर्षों तक कोल्हान के अनेक गणमान्य व्यवसायी और उद्यमियों ने अपने कुषल और कर्मठ सोच के साथ नेतृत्व किया और इसे आज इस मुकाम तक पहुंचाया जो आज कोल्हान ही नहीं पूरे झारखण्ड की एक पहचान बन चुका है। जिसे इस मुकाम तक पहुंचाने मे इसके पूर्व अध्यक्षों की लगन, अथक परिश्रम एवं व्यवसायीहित की सोच रही है। चैम्बर के इन नेतृत्वकर्ताओं पूर्व अध्यक्षगण को सम्मान देने के लिये चैम्बर भवन में एक ‘पूर्व अध्यक्ष फोटो गैलरी’ का निर्माण किया गया जिसका उद्घाटन चैम्बर भवन में मुख्य अतिथि झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास एवं विषिष्ट अतिथि उदितवाणी के संपादक राधेष्याम अग्रवाल के द्वारा पूर्व अध्यक्षों और उनके परिवार के सदस्यों की उपस्थिति मेें किया गया। यह जानकारी अध्यक्ष विजय आनंद मूनका एवं मानद महासचिव मानव केडिया ने संयुक्त रूप से दी। अध्यक्ष ने उपस्थित अतिथियों एवं सदस्यों का स्वागत करते हुये चैम्बर के गौरवषाली इतिहास की ओर ध्यानाकृष्ट करते हुये सबों का स्वागत किया। तत्पष्चात पूर्व अध्यक्षों एवं दिवंगत अध्यक्षगणों के उपस्थित परिवारों को मुख्य अतिथि रघुवर दास एवं विषिष्ट अतिथि राधेष्याम अग्रवाल के हाथों मोमेन्टों देकर चैम्बर के प्रति किये गये उनके समर्पण और कार्यों के लिये सम्मानित किया गया। इस अवसर पर संबोधित करते हुये मुख्य अतिथि रघुवर दास ने कहा कि व्यापारी देष की आन-बान-षान होते हैं, जो देष में कोई भी आपदा होती है तो वे इसमें सहयोग हेतु देष के समक्ष हमेषा खड़े रहते हैं। ऐसे समाज को उचित मान-सम्मान मिलना चाहिए। आज सबसे ज्यादा टैक्स जमा किया जा रहा है इससे व्यापारियों की ईमानदारी झलकती है। उन्होंने कहा कि देष 75वें वर्ष में देष के प्रधानमंत्री माननीय मोदी जी आव्हान पर अमृत महोत्सव मना रहा है और चैम्बर भी अपने 75वें वर्ष पूरा कर प्लेटिम जुबिली मना रहा है। यह हर्ष की बात है। उन्होंनें कहा कि 1948 में चैम्बर की जो नींव रखी गई थी उसे 75 वर्षों तक आगे बढ़ाते हुये चैम्बर के पूर्व अध्यक्षों ने इस मुकाम तक पहुंचाया यह सराहनीय है। कोल्हान को झारखण्ड की आर्थिक राजधानी भी कहा जाता है। इसमें सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री का अहम योगदान है। अगर झारखण्ड को विकसित राज्य बनाना है तो उद्योग, व्यापार को बढ़ावा देना होगा। आज जब पूरा विष्व कोरोना काल के बाद महंगाई, मंदी की मार झेल रहा है तो केन्द्र की मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के बदौलत ही भारत इससे अछूता है और विष्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। आगे आने वाले 5 वर्षों में भी सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था की राह पर है इसमें व्यवसायियों, उद्यमियों की कड़ी मेहनत का ही नतीजा है और इसमें आपसबों की, चैम्बर की महत्वपूर्ण सहभागिता रही है। इसके लिये चैम्बर को शुभकामनायें देता हूं। देष और राज्य को विकसित करने के लिये व्यापारियों, उद्यमियों को आगे बढ़ाना होगा, उन्हें व्यवसाय के लिये उचित माहौल उपलब्ध कराना होगा और इसके लिये सरकार का त्वरित निर्णय लेना जरूरी है। वर्तमान समय के अनुसार सिंहभूम चैम्बर को शक्तिषाली बना चाहिए। चैम्बर को केवल अपने बारे में नहीं वरन राष्ट्र, समाज सभी वर्ग के हित के लिये सोचकर, सामाजिक सेवा कर आगे कार्य करना चाहिए। अंत में उन्हांेने वर्तमान टीम के कार्य करने शैली और चैम्बर के उज्जवल भविष्य के साथ शुभकामनाएं दी। विषिष्ट अतिथि राधेष्याम अग्रवाल ने उपस्थित सदस्यों के समक्ष अपने संबोधन में कहा कि पहले भी चैम्बर आता रहा हूं लेकिन आज का आयोजन अपने आप में अनोखा है। पूर्व अध्यक्षों की फोटेा गैलरी बनाकर पूर्व अध्यक्षों को आमंत्रित कर कार्यक्रमों का आयोजन कर चैम्बर की पुरानी यादों को ताजा करना एक मील का पत्थर है और इसके लिये वर्तमान टीम प्रषंसा के पात्र हैं। आज जब चैम्बर 75 वर्ष पूरा कर प्लैटिनम जुबिली मना रहा है तब चैम्बर में काफी बदलाव आया है और इसके लिये पूर्व के सदस्य और अध्यक्ष कितने विजनरी रहे रहेंगे जो आज की सोच कर चल रहे थे यह प्रष्ंासनीय है। मेरी कामना है चैम्बर अपना सेनेटरी वर्ष भी इसी तरह अपना सेनेटरी वर्ष पूरा करे तबतक चैम्बर का कायाकल्प समय के अनुसार बदलना होगा। अब इसे प्रोफेषनल ढंग से सीआईआई, फिक्की आदि संस्थाओं की तरह सेक्रेटरी जनरल की नियुक्ति करनी चाहिए जो केवल चैम्बर के लिये कार्य करें। उद्योग व्यापार देष को आगे बढ़ाने के विकास के दो पहिये की तरह हैं। लोग मानते हैं उद्योग, व्यापार केवल मुनाफा कमाने के लिये हैं और व्यापारी, उद्यमी मुनाफाखोर होते हैं यह गलत धारणा हैं। व्यापारी उद्यमी परिश्रम करते हैं तो देष की विकास की राह पकड़ता है रोजगार उत्पन्न होते हैं, इसलिये मुनाफा कमाने वाले व्यापारियों, उद्यमियांे को पुरस्कृत किया जाना चाहिए। उन्होंन कहा पूर्व अध्यक्ष रूस्तमजी खान बहादुर और डीएन कमानी को छोड़कर सभी को नजदीक से देखें हैं। सिंहभूम चैम्बर को जमषेदपुर और राज्य के लिये काफी योगदान रहा है। उनकी कामना है यह ईस्टर्न इंडिया का नंबर वन चैम्बर ऑफ कॉमर्स बने। इसी के साथ उन्होंने वर्तमान टीम को शुभकामनायें दी।
इस अवसर पर मंच संचालन मानद महासचिव मानव केडिया एवं धन्यवाद ज्ञापन सचिव भरत मकानी ने की। पूर्व अध्यक्षों और उनके परिवारों को कोषाध्यक्ष किषोर गोलछा ने संबोधित कर मेमेण्टो हेतु मंच पर आमंत्रित किया। इस अवसर पर पूर्व अध्यक्षों वी.के. मेहता, मुरलीधर केडिया, ए.के. श्रीवास्तव, जीआर गोलछा, आर.के. चौधरी, निर्मल काबरा, उमेष कांवटिया, सुरेष सोंथालिया, अषोक भालोटिया ने भी चैम्बर के गौरवषाली अतीत और व्यापारियों के हित में किये गये उनके नेतृत्वकाल के कार्यों को संक्षिप्त में सदस्यों के समक्ष रखा।
अध्यक्ष विजय आनंद मूनका, मानद महासचिव मानव केडिया, उपाध्यक्ष मुकेष मित्तल, सचिव पीयूष चौधरी, भरत मकानी, कोषाध्यक्ष किषोर गोलछा, पूर्व अध्यक्षों एवं दिवंगत अध्यक्षगणों के परिवार के सदस्य किषन पारीख, राजन कमानी, नकुल कमानी, किलोल कमानी, जेहान पटेल, अरूण सुल्तानिया, अषोक सुल्तानिया, मनीष सुल्तानिया, तुषार टॉंक, रॅानी डिकोस्टा, पीएस सेन, अजय कांवटिया, अजय भालोटिया, रवि झुनझुनवाला, सुनील झुनझुनवाला, राजेष मित्तल, कमलेष गुप्ता, अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, बीएन शर्मा, श्रवण देबुका, विपिन अडेसरा, ओमप्रकाष मूनका, सीए राजेष अग्रवाल, सुनील वर्णवाल, रमाकांत गुप्ता, पुनीत कांवटिया, सतीष सिंह, पवन शर्मा, मोहित मूनका, आकाष मोदी, अनिल चौधरी, राहुल चौधरी, मनोज गोयल, दीपक पारीख, मनोज चेतानी, चन्द्रकांत जटाकिया, शिवप्रकाश शर्मा, कमल नरेडी, सुधीर सिंह, सन्नी संघी, मनोज अग्रवाल, सुनील सोंथालिया, पवन नरेडी, करण ओझा, सतीष सिंह, राजेष अग्रवाल रिंगसिया, नरेष मोदी, सांवरमल अग्रवाल, प्रदीप गुप्ता, प्रकाष मोदी इत्यादि उपस्थित थे।