सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में आज से तीन दिवसीय टैक्स क्लिनिक की शुरूआत की गई। टैक्स क्लिनिक में झारखण्ड सरकार द्वारा लाई गई कर-समाधान योजना के बारे में व्यापारियों को विस्तृत जानकारी दी गई। सचिव, वित्त एवं कराधान पीयूष कुमार चौधरी, अधिवक्ता ने बताया कि झारखण्ड सरकार पुराने बकायों एवं विवादों के समाधान के लिये एक योजना लाई है जिसके तहत कोई भी व्यवसायी जिसका जीएसटी लागू होने के पूर्व की अवधि का कोई भी कर, ब्याज एवं पेनाल्टी बकाया हो उसे 40 प्रतिषत कर एवं 10 प्रतिषत ब्याज तथा पेनाल्टी देकर अपना बकाया समाप्त करा सकता है। वैधानिक प्रपत्रों के मामलों में 50 प्रतिषत राषि जमा करानी होगी। उक्त योजना का लाभ लेने के लिये व्यवसायियों को योजना लागू होने के तीन महीने अर्थात 30 अप्रेल, 2023 तक आवेदन कर देना है। आवेदन ऑनलाईन भरा जायेगा तथा उसकी कॉपी उचित कागजातों के साथ विभाग में जमा कराना है। तत्पष्चात् विभाग द्वारा कागजातों की जांच की जायेगी एवं सब सही होने पर उचित आदेष पारित किया जायेगा। जिसके बाद आवेदक को सेटेलमेंट की राषि को एकमुष्त जमा करानी होगी। कर समाधान क्लिनिक के संयोजक अधिवक्ता राजेष अग्रवाल ने कहा कि आज की क्लिनिक में विभिन्न व्यापारियों द्वारा कर समाधान योजना पर अपने-अपने संषयों को रखा गया जिसका उन्हें समाधान उपलब्ध कराया गया।
एक व्यवसायी द्वारा यह बात संज्ञान में लाई गई कि ऑनलाईन उपलब्ध फॉर्म में बिहार फायनांस एक्ट के निपटारे के लिये अलग से कॉलम नहीं है। जिसपर एक्सपर्ट्स ने राय दी कि उक्त बकाया राषि को जनरल कॉलम में डालकर 40 प्रतिषत राषि में सेटेलमेंट कराने की कोषिष की जानी चाहिए। एक अन्य व्यवसायी ने अपने बकाया प्रोफेषनल टैक्स की राषि के भुगतान को सेटेलमेंट योजना के माध्यम से निपटारा करने पर राय मांगी जिसपर कि यह निष्कर्ष निकाला गया कि चंूकि अधिकांषतः प्रोफेषनल टैक्स के मामलों में विभाग द्वारा कोई आदेष पारित नहीं किया गया है। अतः उक्त मामले में सेटेलमेंट योजना के माध्यम से समाधान नहीं हो सकेगा। कर समाधान क्लिनिक के सह-संयोजक अधिवक्ता सतीष सिंह ने बताया कि यदि सरकार ऑनलाईन फॉर्म को और सरल कर दे एवं एकमुष्त 40 प्रतिषत राषि जमा कराकर सेटेलमेंट ऑर्डर पास करने का अधिकारियों को आदेष दे दे तो यह योजना और ज्यादा प्रभावी रूप से लागू हो सकेगी। अधिवक्ता राजीव अग्रवाल ने बताया कि वैसे मामले जिसमें वैधानिक प्रपत्र प्राप्त हो चुके हैं और ब्याज की राषि भी विवाद में है, उक्त मामलों में यदि व्यवसायी सेटेलमेंट योजना के माघ्यम से अपनी बकाया राषि का निपटारा कराता है तो उसे बेवजह ब्याज की 10 प्रतिषत राषि जमा करानी होगी जो कि न्यायोचित नहीं है। अतः ऐसे मामलों में व्यवसायी को अपील के माध्यम से ही उचित समाधान मिलेगा। चैम्बर अध्यक्ष विजय आनंद मूनका, मानद महासचिव मानव केडिया, उपाध्यक्ष, वित्त एवं कराधान सीए दिलीप गोलेच्छा एवं सचिव, वित्त एवं कराधान अधिवक्ता पीयूष चौधरी ने व्यवसायियों से अपील की है कि अपनी पुराने बकायों के निपटारे के लिये आगे आयें एवं उक्त योजना का लाभ उठायें। इसी उद्देष्य से चैम्बर में 5 अप्रेल, 2023 तक रोजाना संध्या 7 से 8 बजे तक टैक्स क्लिनिक का आयोजन किया जा रहा है। आवष्यकता होने पर इसका विस्तार आगे भी किया जायेगा।