पोटका प्रखंड के आदिवासी कला संस्कृत भवन पावरू में आदिवासी भूमिज समाज के तत्वाधान एवं जयपाल सिंह सरदार की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में भूमिज भाषा को झारखंड सरकार के कैबिनेट के द्वारा दिनांक 2-3-2023 को नियोजन नीति में भूमिज भाषा को एवं आदिवासी रीति रिवाज परंपरा. भाषा संस्कृत को बिलपीत करते हुए झारखंड कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा संचालन( संशोधन ) नियमावली 2023 मैं बना. इस नीति से भूमिज भाषा. संस्कृति. का अस्तित्व और पहचान पर घोर चोट पहुंचा है. इससे आहत होकर पूरे झारखंड राज्य के आदिवासी भूमिज समाज आक्रोश में है. उसके साथ ही आदिवासी भूमिज समाज को भूमि से भी बेदखल किया जा रहा है. झारखंड के अधिकांश शिक्षण संस्थान आदिवासी भूमिज समाज का जमीन पर स्थित है. लेकिन अब राज्य सरकार का भूमिज विरोधी दर्शाता है. इसीलिए आज का इस बैठक में निर्णय लिया गया कि भूमिज भाषा को एवं आदिवासी रीति रिवाज संस्कृत को पुनः नियोजन नीति में लाया जाए. अन्यथा जोरदार जन आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी.बैठक में सिद्धेश्वर सरदार. हरीश भूमिज. जयपाल सिंह सरदार शत्रुघ्न सरदार. बसंती सरदार. मानिक सरदार. सुदर्शन भूमिज. बृहस्पति सरदार. मेथी सन सरदार. हिमांशु सरदार सुनीता सरदार.जयंती सरदार.आदि उपस्थित रहे