*महुआ फूल के बाद ग्रामीणो के आय का साधन बना महुआ फल डोरी*
महुआडांड़ संवाददाता शहजाद आलम की रिपोर्ट
महुआडांड़
प्रखंड में महुआ का पेड़ काफी ज्यादा संख्या पाया जाता है, महुआ का पेड़ एक साल में दो बार ग्रामीणों के आय का स्त्रोत बनता है. महुआ गरीब आदिवासी परिवारों के लिए आय का एक बड़ा स्त्रोत है. महुआ फूल इस साल 40 रूपये किलो से सुरू हुआ. लेकिन महुआ फूल अभी 33 रुपये किलो बिक रहा है. वही अब महुआ फल ( डोरी ) 35 रुपये किलो बिक रहा है. इससे ग्रामीणों में उत्साह है. महुआ फूल की उपयोगिता ज्यादातर शराब चूलाने में होता है, लेकिन डोरी के उपयोग तेल निकालने के लिए किया जाता है,ग्रामीणो कि माने तो डोरी का तेल बहुत उपयोगी होता है. वही औषधीय गुणो के कारण डोरी बाजारों में बिकता है. इससे ग्रामीणो को अच्छी आमदनी हो जाती है, महुआ पेड़ से पककर डोरी फल गिर रहा है, ग्रामीण संग्रहित कर रहे है, हालांकि पिछले वर्षों की तुलना में डोरी की पैदावार इस वर्ष कुछ कम हुई है. ज्ञात हो कि महुआ फूल और डोरी खुद तैयार होने के बाद पेड़ से गिरता है, डोरी को बिनकर ग्रामीण फोड़कर एवं सूखाकर खुले बाजार में बेच रहे हैं. महुआ का फूल खत्म होने के लगभग एक महिने बाद डोरी फल गिरता है।
प्रखंड अंतर्गत पंचायत चटकपूर, चंपा, रेगाई, गढ़बुढनी, नेतरहाट, हामी, सोहर के ग्रामीणो ने बताया कि इस बार महुआ फल कुछ कम है, 15 दिन के बाद यह गिरना भी बंद हो जाएगा. बहुत लोग इसका तेल निकालकर रखते है, तेल में पकवान छानकर खाते है. ज्यादातर बाजार में बेच देते है।
*कई उपयोगिता है डोरी तेल की*
नेतरहाट फिल्ड फायरिंग रेंज केन्द्रीय जन संघर्ष समिति सचिव जेरोम जेराल्ड कुजूर कहते है, कि डोरी का तेल पहले प्रखंड के हर आदिवासी घर पर होता था, इससे सभी तरह के पकवान बनते थे. लेकिन आधुनिकता के इस दौर में डोरी तेल की उपयोगिता आदिवासी घरों के बीच से समाप्ति की ओर है. अब डोरी को सुखाकर सभी बिक्री कर देते है,अच्छी आमदनी हो जाती है. कुछ पुराने बुजूर्ग लोग आज भी डोरी का तेल रखते है,जिसे सर्दी के मौसम में त्वचा पर मोसचुराजर का काम करता है. गर्मी में लू लगने के बाद गांव में आज भी डोरी तेल को शरीर पर मालिश करते है. इससे जू का असर खत्म हो जाता है।
*अतिरिक्त आय प्राप्त करते है*
लोध की सोनामती कुजूर ने कहा महुआ एवं डोरी को बेचकर अतिरिक्त आय प्राप्त करतें हैं. डोरी से सैकड़ो परिवार को आर्थिक मजबूती मिलती है, बहुत लोग अभी डोरी को बेचकर खेती में इस पैसा को लगायेंगे, इससे होने वाले आय से कई घर की अन्य जरुरतें पूरी होती हैं।