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Mon. May 12th, 2025

58 कमांडो करते हैं अंबानी की सुरक्षा:ऑटोमेटिक हथियारों से लैस रहते हैं कमांडो, इनके अलावा इजराइल से ट्रेंड 20 प्राइवेट गार्ड्स तैनात

 

58 कमांडो करते हैं अंबानी की सुरक्षा:ऑटोमेटिक हथियारों से लैस रहते हैं कमांडो, इनके अलावा इजराइल से ट्रेंड 20 प्राइवेट गार्ड्स तैनात

 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, CRPF के करीब 58 कमांडो मुकेश अंबानी और उनके परिवार की सुरक्षा में 24 घंटे तैनात रहते हैं। ऑटोमैटिक हथियारों से लैस ये हथियारबंद जवान अंबानी परिवार जहां भी जाता है, उनके साथ चलते हैं।

 

ये जवान हेकलर एंड कोच MP5 सब-मशीन गन समेत कई आधुनिक हथियारों से लैस रहते हैं। हेकलर एंड कोच MP5 सब-मशीन गन जर्मनी में बनी गन है। इससे एक मिनट में 800 राउंड गोलियां दागी जा सकती हैं।

 

अंबानी की सिक्योरिटी में शामिल हर जवान मार्शल आर्ट और निहत्थे युद्ध कौशल में माहिर होता है। अंबानी की सुरक्षा में तैनात CRPF कमांडो फोर्स में हथियारबंद गार्ड्स, साथ में चलने वाले गार्ड्स, ड्राइवर, पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO), तलाशी लेने वाली टीम शामिल है।

 

ये कमांडो दो शिफ्ट में काम करते हैं और ये CRPF के एक इंस्पेक्टर लेवल अधिकारी के सुपरविजन में काम करते हैं।

 

इन कमांडों को रहने-खाने समेत अन्य सुविधाएं अंबानी मुहैया कराते हैं। CRPF के जवान अंबानी के घर के आसपास संदिग्ध गतिविधियों या व्यक्तियों पर नजर बनाए रखते हैं।

 

उनके घर के आसपास का पूरा इलाका हाई-रेजोलूशन CCTV कैमरे से कवर होता है। हथियारबंद सुरक्षाकर्मी गेट पर, बिल्डिंग के अंदर और घर के बाहर खड़ी गाड़ियों में तैनात रहते हैं।

 

इजराइल से ट्रेंड 20 पर्सनल गार्ड्स, जो बिना हथियार भी सिक्योरिटी दे सकें

 

इजराइली कमांडो और सैनिक निहत्थे ही दुश्मन को मार गिराते हैं। इसके लिए वो दुनिया की सबसे खतरनाक मार्शल आर्ट में से एक- क्राव मगा में ट्रेंड होते हैं। इसी वजह से VVIP सुरक्षा के लिए इजराइली कमांडो सबसे बेहतरीन माने जाते हैं।

 

CRPF के अलावा, मुकेश अंबानी के पास करीब 15-20 पर्सनल सिक्योरिटी गार्ड्स भी हैं, जो बिना हथियारों के, यानी निहत्थे होते हैं। उनके पर्सनल गार्ड्स को इजराइल स्थित सिक्योरिटी-फर्म ने ट्रेनिंग दी है।

 

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अंबानी 2.5 करोड़ की गाड़ी से चलते हैं, काफिले की सभी गाड़ियां बुलेटप्रूफ

 

मुकेश अंबानी अपनी बुलेटप्रूफ BMW या मर्सिडीज कार से चलते हैं, जबकि उनके सिक्योरिटी गार्ड्स रेंज रोवर में चलते हैं।

 

हाल ही में उन्होंने अपने काफिले में 2.5 करोड़ रुपए कीमत वाली मर्सिडीज AMG G63 मॉडल शामिल की है। अंबानी फिलहाल इसी कार से चलते हैं।

 

अंबानी के काफिले में मर्सिडीज, BMW और रेंज रोवर कारें शामिल हैं। उनके काफिले में 6-8 लग्जरी गाड़ियां शामिल हैं, जिनकी कीमत करीब 16 करोड़ रुपए है।

 

अंबानी के काफिले में CRPF और प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड्स की 6-8 गाड़ियां चलती हैं। इनमें से आधी गाड़ियों अंबानी की गाड़ी के आगे चलती हैं, जबकि बाकी की गाड़ियां उनकी कार के पीछे चलती हैं।

 

इन गाड़ियों में सवार सभी सुरक्षाकर्मी एक-दूसरे से वॉकी-टॉकी के जरिए जुड़े रहते हैं।

 

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Z+ सिक्योरिटी का खर्च भी खुद उठाते हैं अंबानी

 

मुंकेश अंबानी और उनके परिवार को मिली Z+ सिक्योरिटी पर हर महीने 15-20 लाख रुपए का खर्च आता है। ये सारा खर्च अंबानी खुद उठाते हैं।

 

मुकेश अंबानी ऐसे पहले व्यक्ति बने थे, जो अपनी Z+ सिक्योरिटी का खर्चा खुद उठाते हैं। अधिकतर मामलों में जेड प्लस सिक्योरिटी का खर्च सरकार उठाती है।

 

इस खर्च में उनकी सिक्योरिटी में तैनात सुरक्षाकर्मियों की सैलरी, उनकी तैनाती और सुरक्षा में तैनात गाड़ियों का खर्च शामिल है।

 

सिक्योरिटी के खर्च के अलावा अंबानी को सुरक्षाकर्मियों के लिए बैरक भी उपलब्ध कराना होता है, जिनमें उनके लिए क्वॉर्टर, किचन और टॉयलेट शामिल हैं।

 

अंबानी और उनके परिवार को मिलने वाली Z+ सिक्योरिटी के अलावा उनकी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की जामनगर स्थित रिफाइनरी की सुरक्षा का जिम्मा भी सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स यानी CISF संभालती है।

 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके लिए रिलांयस CISF को हर महीने 34 लाख रुपए का भुगतान करता है।

 

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2020 में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की थी अंबानी की सिक्योरिटी से जुड़ी याचिका

 

ये पहली बार नहीं है जब मुकेश अंबानी की Z+ सिक्योरिटी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है। इससे पहले नवंबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश अंबानी और उनके परिवार को मिली Z+ सिक्योरिटी वापस लेने की मांग वाली एक याचिका खारिज कर दी थी।

[6/29, 10:42 PM] प्रेस हिन्दुस्तान मधु बाबू: Z कैटिगरी सिक्योरिटी पाने वाले देश के पहले बिजनेसमैन हैं मुकेश अंबानी

 

मुकेश अंबानी और उनके परिवार को 2013 में Z कैटिगरी की सिक्योरिटी दी गई थी। इसे बाद में Z+ कर दिया गया था। अंबानी को ये सुरक्षा खुफिया एजेंसियों द्वारा उन पर आतंकी हमले के खतरे की आशंका जताने के बाद दी गई थी।

 

अंबानी को आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से धमकी मिलने के बाद UPA सरकार ने 2013 में Z सिक्योरिटी देने का फैसला किया था।

 

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इजरायल ने बनाई ‘तीसरी आंख’, दीवार के पार देख सकती है इजरायल की यह तीसरी आंख

 

 

 

तेलअवीव: आयरन डोम से लेकर घातक ड्रोन बनाने वाले इजरायल ने अब एक हाइटेक आंख बनाने में सफलता हासिल कर ली है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस इस आंख को ‘Xaver 1000’ नाम दिया गया है। यह आंख दीवार के पार देखने में सक्षम है। इसका एल्‍गोरिद्म इमरात के अंदर मौजूद जिंदा लोगों की पहचान कर सकता है और यह भी बता सकता है कि वे वयस्‍क, बच्‍चे हैं या पशु हैं। इस तीसरी आंख की मदद से इजरायली सैनिक अब हमला करने से पहले ज्‍यादा तैयार होंगे।

इजरायल की सेना ने इस एआई सिस्‍टम का इस्‍तेमाल करना शुरू भी कर दिया है और वे अब हमला करने से पहले दीवार के अंदर आसानी से देख पा रहे हैं। कैमेरो टेक कंपनी ने इस जेवेर 1000 का निर्माण किया है जो एल्‍गोरिद्म का इस्‍तेमाल करके दीवार के पार भी अपने लक्ष्‍य का पहचान कर लेती है। जेवेर 1000 को यूजर दीवार पर खुद ही लगा सकते हैं और इससे एक उच्‍च क्‍वालिटी का रेजोल्‍यूशन दिखाई पड़ता है जिससे यूजर यह पता लगा सकता है कि दूसरी तरफ मौजूद व्‍यक्ति बैठा है, खड़ा है या लेटा है।

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