दावत ए इस्लामी का मदनी काफला तीन दिनों के लिए पहुंचा महुआडांड़, लोगों को दी नेकी की दावत।
दावते इस्लामी का मदनी काफिला गुमला जिला से महुआडांड़ स्थित जामिया नूरिया जियाउल इस्लाम मस्जिद में तीन दिनों के लिए पहुंची। वही असर नमाज़ के बाद अमीरे काफिला एवं अन्य लोग के द्वारा मुख्य बाजार में घूम घूम कर नेकी की दावत देने का कार्य किया गया। इस दरमियान लोगों को मस्जिद में आने की नमाज की पाबंदी करने की अल्लाह के बताए रास्ते पर चलने की बात कही गई। लोगों को बताया गया की अल्लाह और प्यारे हबीब मोहम्मद सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम के बताए रास्ते पर चलकर ही कामयाबी हासिल किया जा सकता है। वहीं सभी से अपील किया गया कि ईशा की नमाज के वक्त जामिया नूरिया जियाउल इस्लाम मस्जिद में पहुंचकर बयान में शामिल होकर कुरान हदीस की बातें सुने और उसमें अमल करें। वही दूसरे दिन यह काफला गौसिया मस्जिद पहुंची और असर नमाज के बाद उपस्थित लोगों को दीन की बातें सिखाई व बताई गई। लोगों ने बहुत ही तवज्जो के साथ सुना और अमल करने की बात कही।
तीसरे दिन दावत ए इस्लामी का मदनी काफिला पहुंचा महुआडांड़ के सुदूरवर्ती क्षेत्र ग्राम लुरगुमी, लोगों को बताई गई दीन की बात।
दावत ए इस्लामी का मदनी काफिला तीसरे दिन महुआडांड़ का सुदूरवर्ती क्षेत्र ग्राम लुरगुमी पहुंची और मस्जिद में असर की नमाज अदा करने के बाद वहां की सभी घरों में जाकर लोगों को नेकी की दावत दी। साथ ही नमाज में शामिल होने के लिए सभी को दावत दिया गया। बाद नमाज मगरिब ग्राम लुरगुमी में ही बयान किया गया। यह बयान का सिलसिला लगभग 1 घंटे तक चला इस दरमियान गांव की काफी लोग उपस्थित हुए और दीन की बातें सुनी। उपस्थित लोगों को दांतों ए इस्लामी के वसीम अहमद के द्वारा नमाज, रोजा, हराम, व हलाल इस्लाम के एहकामात,दावत ए इस्लामी से जुड़ कर कार्य करने के फ़ायदे, समेत इस्लाम से संबंधित अन्य बातें बताई गई और लोगों को अल्लाह तबारक व ताला एवं प्यारे हबीब सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम के बताए रास्ते पर चलने की बात कही गई और लोगों को काफिले में सफर करने की बात भी कही गई। इस दरमियां वहां के कई लोग काफिले में सफर के लिए राजी हुए और अपना नाम भी काफिले वालों को लिखवाया। वहां यह भी बताया गया कि लोहरदगा जिला में 7 दिन का नमाज कोर्स चलाया जा रहा है जो भी व्यक्ति नमाज अच्छे से सीखना चाहते हैं यह नमाज कोर्स में शामिल होकर इसका फायदा उठा सकते हैं। वही मोहम्मद फैजी के द्वारा नाक पढ़ी गई।
मोहम्मद तहसीन अहमद के द्वारा बयान व दुआ किया गया। मौके पर हाफिज नुरुल हुदा, शहजाद आलम खुर्शीद आलम आरिफ आलम वसीम अहमद शकील अहमद अख्तर अंसारी अली अंसारी, रमजान अंसारी,रहमत अंसारी अतहर अंसारी फारुक अंसारी ज़हीरउद्दीन समेत काफी संख्या में लोग उपस्थित हुए।