दावते इस्लामी तीन रोजा काफिला हुआ पुरा, तीसरे दिन गौसिया मस्जिद में आमद ए रामाजान को लेकर कार्यक्रम का आयोजन।
महुआडांड़ जामिया नूरिया ज्याउल इस्लाम मस्जिद में गुमला पतराटोली से एक मदनी काफला तीन दिन पूर्व पहुंची हुई थी।जो दो दिनों तक जामिया नूरिया जियाउल इस्लाम मस्जिद में रुकी।दो दिनो तक इलाके के विभिन्न क्षेत्रों में घूम-घूम कर लोगों को नेकी की दावत देने का काम किया गया। साथ ही लोगों को मस्जिद तक आने की दावत भी दी गई। जिसके बाद लोग मस्जिद पहुंचे। जहां काफिले के अमीर सुलेमान अत्तारी के द्वारा मस्जिद में आए लोगों को नमाज रोजा वह इस्लाम के अन्य मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई।और उपस्थित लोगों की बीच अपनी बातें रखतें हुए उन्होंने कहा कि नेक काम और इबादत से ही अल्लाह को राजी किया जा सकता है बुरे काम छोड़कर अच्छे रास्ते पर आ जाए और अल्लाह की इबादत करें।जो अल्लाह के बताए रास्ते पर जो चलता है अल्लाह उससे राजी हो जाता है।जब आप अल्लाह को राजी कर लेंगे तो किसी चीज का खौफ नहीं होगा।
वही तीसरे दिन बुधवार की रात मस्जिदें गौसिया में आमदे रामाजान को लेकर अमीरे काफिला सुलेमान अत्तारी के द्वारा ब्यान कर लोगों को रमजान में रोज़े रखने की फजीलत,इबादत करने,सदका,जकात व अन्य अच्छे काम करने की फजिलत बताया गया। उन्होंने कहा कि रमजान के दिनों में जहन्नम के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं और जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं। रमजान में लोगों को इबादत व रियाजत करनी चाहिए सदका जकात खैरात भी करना चाहिए। गरीब व मिस्किनो की मदद करनी चाहिए। जो भी हाजतमन्द है उसकी मदद करनी चाहिए। इस माह में नेकियों का सवाब बढ़ा दिया जाता है। जिसके बाद आमद ए रमजान को लेकर नात व कसीदे पढ़े गए। जिसके बाद सलातो सलाम पढ़ी गई। साथ ही देश दुनिया आखिरत देश में अमन व शांति को लेकर दुआ की गई। मौके पर जामिया नूरिया जियाउल इस्लाम के मोहतमिम मौलाना सऊद आलम मिस्बाही, हाफिज बरकत अली, हाजी शाकिर साहब, बाबर अंसारी, जब्बार अंसारी, शहजाद आलम, खुर्शीद आलम, मोहम्मद इरफान, वसीम अहमद, आरिफ आलम, समेत अन्य लोग उपस्थित थे।