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Mon. Jun 23rd, 2025

रेलवे की ओर से रेल पटरी होकर गुजरे रास्ता बंद करने पर भड़के ग्रामीण प्रदर्शन कर आरपीएफ इंस्पेक्टर को सौंपा ज्ञापन

रेलवे की ओर से रेल पटरी होकर गुजरे रास्ता बंद करने पर भड़के ग्रामीण

चंदवा संवाददाता मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट

प्रदर्शन कर आरपीएफ इंस्पेक्टर को सौंपा ज्ञापन

 

ग्राम बोदा में रेलवे हाल्ट कर सभी ट्रेन एवं एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव करने

ग्राम बीयरजंघा में अंडर ब्रिज का निर्माण करवाने की की मांग की गई है,

मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन छेड़ने की बात कही गई है,

चंदवा। टोरी – लोहरदगा रेलखंड के पंचायत बोदा के बियर जंघा हेंदेहास के समीप रेल पटरी होकर गुजरे रास्ता को दोनों तरफ पिलर लगाकर बंद किए जाने से बियर जंग्घा, हेंदेहास, बोदा, फुलटांड़, अम्बाटोली के ग्रामीण भड़क उठे हैं, झामुमो के केंद्रीय समिति सदस्य सह पूर्व जिला प्रवक्ता दीपू कुमार सिन्हा, प्रखंड कॉग्रेस अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद प्रतिनिधि असगर खान

माकपा के वरिष्ठ नेता सह चतरा लोकसभा छेत्र से प्रत्याशी रहे अयुब खान के संयुक्त नेतृत्व में रास्ता बंद किए जाने के विरोध में रास्ते पर ही ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया, रेलवे प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, सुचना पाकर आरपीएफ इंस्पेक्टर कमलेश सोरेन ने प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे, प्रदर्शनकारी नेताओं से वार्ता किया, आंदोलनकारियों ने डीविजनल रेल प्रबंधक

दक्षिण पूर्व रेलवे डिवीजन रांची के पदनाम ज्ञापन उन्हें सौंपा,

सौंपे गए ज्ञापन में कहा है कि टोरी लोहरदगा रेल खंड के बोदा पंचायत के बीयरजंघा गांव के समीप टोरी-लोहरदगा रेलखंड के रेलवे लाइन का निर्माण कराया गया है, रेलवे प्रशासन की अदूरदर्शिता के कारण इस जगह पर जहां बीयरजंघा गांव है जिसमें आदिवासी हरिजन एवं अल्पसंख्यक समुदाय के सैकड़ों लोग आदि काल से निवास करते हैं, इस रेलखंड में पड़ने वाले अन्य सभी गांवों के ग्रामीणों का आवागमन सुनिश्चित करने हेतु रेलवे द्वारा अंडर ब्रिज का निर्माण किया गया है परंतु बियरजंघा ग्राम के ग्रामीणों के आवागमन हेतु कोई व्यवस्था नहीं की गई है, अंडर ब्रिज का निर्माण नहीं किए जाने से पूर्व से ही इस गांव के आदिवासी हरिजन बहुल ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था और वह किसी तरह गांव के समीप अवस्थित रेलवे पटरी को पार कर आवागमन का काम चला रहे थे,

रेलवे प्रशासन के अदूरदर्शी एवं हिटलर शाही नीति की प्रकाष्ठा तब हो गई जब दिनांक 3 फरवरी 2022 को रेलवे द्वारा उक्त स्थान पर भी लोहे का पिलरिंग एवं बैरिकेडिंग कर बियरजंघा गांव के ग्रामीणों का आवागमन पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया गया जिससे उक्त गांव का संपर्क प्रखंड ,पंचायत तथा जिला मुख्यालय एवं अन्य गांवों से पूरी तरह से कट गया है, विदित हो कि उक्त गांव पूर्व से ही प्रखंड मुख्यालय चंदवा का पहाड़ की तलहटी में बसा हुआ सुदूरवर्ती गांव है जहां आवागमन की सुविधाएं नगण्य है, ऐसी परिस्थिति में रेलवे द्वारा उक्त मार्ग को भी बंद कर रोक देना उक्त गांव के गरीब ग्रामीणों के साथ घोर अन्याय अत्याचार एवं क्रूरता पूर्ण कार्रवाई है, रेलवे की इस अदूरदर्शी एवं अन्याय पूर्ण कृत्य से पूरे गांव एवं इलाके के लोगों के बीच रेलवे प्रशासन के खिलाफ तीव्र रोष व्याप्त है,

इसके पूर्व भी उक्त रेलवे लाइन के निर्माण में इस रेलखंड के बोदा रेलवे स्टेशन के निर्माण स्थल के चयन में भी रेलवे द्वारा अज्ञानता तथा अदूरदर्शिता के कारण बोदा गांव के रेलवे स्टेशन का निर्माण दूसरे राजस्व ग्राम (गरदाग) में कर दिया गया है, गरदाग राजस्व ग्राम से बोदा ग्राम एवं पंचायत मुख्यालय का कोई कनेक्शन या रास्ता नहीं है, ज्ञातव्य हो कि बोदा गांव इस पंचायत का मुख्यालय है तथा पंचायत का नाम भी बोदा राजस्व ग्राम के नाम से ही किया गया है ऐसी स्थिति में बोदा राजस्व ग्राम के परिधि से दूर दूसरे और अत्यंत छोटे राजस्व ग्राम गर्दाग में बोदा गांव के नाम से रेलवे स्टेशन का निर्माण कर देना रेलवे प्रशासन की भारी गलती एवं चूक है, इस मामले पर पूरे बोदा पंचायत एवं चंदवा प्रखंड की जनता पूर्व से ही रेल प्रशासन पर काफी आक्रोशित तथा गुस्से में है,

इस प्रकरण के संबंध में श्रीमान को पूर्व में ही दिनांक 14- 09-2021 को बोदा गांव एवं पंचायत के सैकड़ों ग्रामीणों द्वारा हस्ताक्षरित एवं स्थानीय विधायक माननीय वैद्यनाथ राम तथा बोदा पंचायत के पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा अनुशंसित ‘बोदा ग्राम में रेलवे हॉल्ट का निर्माण’ करने संबंधित लिखित आवेदन सौंपा जा चुका है जिसकी छाया प्रति पुनः इस आवेदन पत्र के साथ संलग्न कर आपको भेजी जा रही है जिससे श्रीमान को उक्त मामले को समझने एवं समस्या का निदान करने में सहायता एवं सहूलियत प्राप्त हो सके,

ज्ञापन में ग्राम बोदा में रेलवे हाल्ट कर सभी ट्रेन एवं एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव करने

ग्राम बीयरजंघा में अंडर ब्रिज का निर्माण करवाने की की मांग की गई है, उक्त मांगों के निदान या इस संबंध में सार्थक वार्ता ना होने की स्थिति में आंदोलनात्मक कार्यक्रम करने की बात कही गई है, प्रदर्शन में केंद्रीय समिति सदस्य सह पूर्व जिला प्रवक्ता दीपू कुमार सिन्हा, माकपा के वरिष्ठ नेता सह चतरा लोकसभा छेत्र से प्रत्याशी रहे अयुब खान, प्रखंड कॉग्रेस अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद प्रतिनिधि असगर खान, मुखिया निरल टोपनो, मो0 इरफान सज्जु, मो0 अख्तर, मो0 महबूब, मो0 सेराज, जयमंगल गंझु, शिवनाथ यादव, बिशुन गंझु, मनोज बरजो, मो0 सोनु, अमान अंसारी, बसंत पुजार, सेराज अंसारी, सहाबुद्दीन अंसारी,

जयमंगल गंझु, नौसाद अंसारी, अजमल अंसारी, निर्मल भेंगरा, सजाद अंसारी, सोनु अंसारी, छटु गंझु, दुलरी होरो, कृष्णा गंझु, सुहेल अंसारी, ऐनुल हक, फुतनू गंझु, मार्टीन बारला, मारकूश भेंगरा, बैजू गंझु, रमेश गंझु, साधू गंझू, संतोष गंझु, सुरेश सुरीन, मोहन भुइंया, सुसारण बरजो, शंकर बारला, रूपा देवी, हिरा देवी, चंन्द्रमनी देवी, शनिचरीया देवी, जुनस मुंडा, लुकस तुरी, जग्रनाथ तुरी, अजय गंझु, बिरसा टोपनो, मुनेशर भुइंया, सावित्री देवी, कमली देवी, मनोज भोग्ता, कमल गंझु, लेटवा बरजो, राजु कुमार, बेनेदिक सुरीन दिवाली गंझु, लेदा मुंडा, कारू बरजो, राजेंद्र गंझु, सधु गंझु, मोहनी देवी, संजय गंझु, ननकु गंझु, बिगन गंझु, बलेशर गंझु, सकिंन्दर महली, अनिल महली, बबन बारला, रामलगन गंझु, परबिल गंझु, राजु कुमार, नकुल गंझु, बिगन गंझु सहित बड़ी संख्या में महिला पुरुष शामिल थे।

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