Tue. Apr 16th, 2024

लोहरदगा भाकपा माओवादी के दो हार्डकोर नक्सली ने बुधवार को सरेंडर कर दिया. एसपी ऑफिस में

भाकपा माओवादी सब जोनल और एरिया कमांडर ने किया सरेंडर

  1. लोहरदगा भाकपा माओवादी के दो हार्डकोर नक्सली ने बुधवार को सरेंडर कर दिया. एसपी ऑफिस में आयोजित कार्यक्रम में भाकपा माओवादी के सब जोनल कमांडर विष्णु दयाल नगेशिया और एरिया कमांडर अकाश नगेशिया ने एसपी प्रियंका मीणा के समक्ष सरेंडर किया. विष्णु दयाल नगेशिया पर लोहरदगा, गुमला और लातेहार जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में कुल 10 मामले दर्ज है. जबकि आकाश नगेशिया के ऊपर पेशरार थाना में एक मामला दर्ज है

मीडिया को जानकारी देतीं एसपी और अन्य

आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर किया सरेंडर

दोनों नक्सलियों ने पुलिस के द्वार लगातार चलाए जा रहे अभियान, बढ़ती दबिश और संगठन में हो रहे आंतरिक शोषण से परेशान होकर सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर सरेंडर कर दिया. विष्णु दयाल नगेशिया और आकाश नगेशिया मूल रूप से लोहरदगा के पेशरार थाना क्षेत्र का रहने वाला है. इससे पहले भी लोहरदगा पुलिस के समक्ष 24 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. जिनमें कई इनामी और राज्य स्तर पर कुख्यात नक्सली शामिल हैं.

*_एक सब-जोनल कमाण्डर और एक एरिया कमाण्डर ने किया सरेंडर_*

*🔹उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक के द्वारा दिये गये 1-1 लाख रूपये*

*🔹दोनों नक्सलियों को आत्मसमर्पण नीति नई दिशा के तहत मिलेंगे कई लाभ*

भाकपा (माओ0) संगठन के सब-जोनल कमाण्डर विष्णुदयाल नगेशिया (पिता-स्व0 बिरसा नगेशिया, इचवाटाड़, ओनेगड़ा, पेशरार, लोहरदगा) और एरिया कमाण्डर आकाश नगेशिया उर्फ समेश्वर नगेशिया (पिता-स्व0 भादे नगेशिया, इचवाटाड़, ओनेगड़ा, पेशरार, लोहरदगा) ने आज दिनांक 17.11.2021 उपायुक्त दिलीप कुमार टोप्पो, पुलिस अधीक्षक प्रियंका मीणा, सीआरपीएफ कमाण्डेंट प्रभात कुमार ईंदवार (बटालियन-158) और पुलिस उपाधीक्षक (अभियान),पुलिस उपाधीक्षक परमेश्वर प्रसाद के समक्ष आत्मसमर्पण किया। दोनों नक्सलियों को इस मौके पर समर्पण उपरांत तुरंत दिया जाने वाले 1-1 लाख रूपया भी प्रदान किया गया। शेष दी जाने वाली दो लाख रूपये की राशि दो बराबर किश्तों में भुगतान की जायेगी। इस मौके पर दोनों नक्सलियों के परिजन मौजूद थे। दोनों नक्सलियों को अन्य लाभ दिलाये जाने हेतु उपायुक्त द्वारा जिला कल्याण पदाधिकारी को नक्सलियों को पुनर्वास हेतुजिला स्तरीय पुनर्वास समिति की बैठक जल्द बुलाये जाने का निदेश दिया गया।

*🔹उपायुक्त ने क्या कहा*

इस मौके पर उपायुक्त ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा नक्सलियों के आत्मसमर्पण हेतु बनाई गई नीति नई दिशा के तहत आज दो नक्सलियों ने आत्मपसमर्पण किया है। दोनों नक्सलियों ने सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर यह कदम उठाने की सोची जिसके लिए दोनों प्रशंसा के पात्र हैं। दोनों को नई दिशा नीति के तहत वे सभी सुविधाएं मिलेंगी जिसके वे हकदार हैं।

*🔹पुलिस अधीक्षक ने क्या कहा*

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि झारखण्ड सरकार ने राज्य को नक्सल मुक्त राज्य बनाने का संकल्प लिया है। इसी संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए झारखण्ड पुलिस सभी नक्सली संगठनों के खिलाफ चौतरफा कार्रवाई में लगातार प्रयत्नशील है और इस दिशा में पुलिस को निरंतर सफलताएं भी मिल रही हैं। राज्य को नक्सल मुक्त कराने के लिए सरकार की महत्वपूर्ण आत्मसमर्पण नीति नई दिशा भी नक्सली संगठनों के काफी लोकप्रिय होती जा रही है। परिणाम स्वरूप भाकपा (माओ) सहित अन्य कई प्रतिबंधित नक्सली संगठनों के नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं। सरकार की इस नीति की सफलता से झारखण्ड पुलिस उत्साहित हैं तथा झारखण्ड को नक्सल मुक्त राज्य बनाने को कृतसंकल्प है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दोनों के विरूद्ध दर्ज सभी काण्डों में न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों/उग्रवादियों के लिए पुलिस अपनी ओर से सभी लाभ दिलाये जाने का प्रयास करेगी।

*🔹दोनों नक्सलियों को पुनर्वास नीति तहत मिलने वाले लाभ*

• दोनों की योग्यता एवं अभिरूचि के अनुसार पुनर्वास समिति द्वारा कौशल विकास विभाग, झारखण्ड द्वारा जिलों में संचालित कौशल विकास केंद्रों में उपलब्ध विभिन्न संकायों में व्यावसायिक प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी

पुनर्वास समिति द्वारा छह हजार रूपये प्रतिमाह की वृति पर एक वर्ष तक के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी। विशेष परिस्थिति में व्यावसायिक प्रशिक्षण की अवधि एक अतिरिक्त वर्ष तक के लिए विस्तारित की जा सकेगी।

*• अधिकतम चार डिसमिल जमीन गृह निर्माण हेतु आवंटित की जायेगी।*

*• नक्सली यदि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण/शहरी) के लाभ हेतु आवश्यक अहर्ताओं को पूरा करता है तो उसको प्राथमिकता से इस योजना का लाभ दिया जायेगा।*

*. योजना के लाभ हेतु अगर शर्ताें को पूरा नहीं करता है तो नक्सली को योजना में वर्णित राशि आवास निर्माण हेतु दी जायेगी।*

*• राज्यांतर्गत सरकारी चिकित्सा संस्थानों में उग्रवादी एवं उसके परिवार को निःशुल्क चिकित्सा की व्यवस्था की जायेगी।*

*• आत्मसमर्पित नक्सलियों के बच्चों को स्नातक स्तर तक की शिक्षा में शिक्षण शुल्क के रूप में अधिकतम 40 हजार रुपये मात्र वार्षिक भुगतान किया जायेगा।*

*• मुख्यमंत्री कन्यादान योजनांतर्गत नक्सलियों की पुत्रियों के वैवाहिक कार्यक्रम हेतु अनुदान राशि दी जायेगी।*

*• समर्पण के उपरांत यदि समर्पणकर्ता को उग्रवादियों द्वारा मारा जाता है, तो उसके परिवार को सरकार द्वारा तत्समय उग्रवादी हिंसा में मृत आम नागरिक के आश्रित को अनुमान्य अनुदान एवं सुयोग्य आश्रित को नौकरी का लाभ दिया जायेगा। भले ही मृतक का प्रत्यार्पण के पूर्व आपराधिक इतिहास रहा हो।*

*• राष्ट्रीय/सहकारी बैंक से स्वनियोजन हेतु 4 लाख रूपये तक के लिए ऋण प्राप्ति में सहायता देगी। ऋण से प्राप्त राशि पर देय ब्याज के विरूद्ध सरकार 50 प्रतिशत की सीमा तक की राशि प्रतिपूर्ति करेगी।*

*🔹अथवा*

शारीरिक मापदण्डों को पूरा करने पर पुलिस/गृह रक्षक/विशेष पुलिस अधिकारी के रूप में नियुक्ति पर विचार किया जा सकता है। महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक को विशेष परिस्थितियों में निर्धारित शारीरिक मापदण्ड को शिथिल करने की शक्ति होगी।

*• राज्य सरकार 5 लाख रूपये का जीवन बीमा करायेगी और इसके लिए प्रीमियम का भुगतान किया जायेगा।*

*• नक्सलियों के आश्रितों के लिए (परिवार के अधिकतम पांच सदस्यों के लिए) 1 लाख रूपये तक का सामूहिक जीवन बीमा कराया जायेगा।*

*• प्रत्यार्पित नक्सली की संपत्ति को अन्य नक्सलियों द्वारा क्षतिग्रस्त किये जाने की स्थिति में क्षति का आकलन पुनर्वास समिति द्वारा क्षतिपूर्ति की जायेगी।*

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