आदिवासी-मूलवासी समाज के लोग काफी सरल है। लेकिन जब जब संघर्ष का रास्ता चुना है तो इतिहास बनाकर ही दम लिया। हमारे पूर्वजों के संघर्ष व बलिदान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही सरकार कभी व्यर्थ नहीं जाने देगी। उक्त बातें सोमवार की शाम आदित्यपुर के इमली चौक स्थित भगवान बिरसा मुंडा की स्मारक समक्ष आदिवासी कल्याण समिति के द्वारा आयोजित 140वीं बिरसा मुंडा की जयंती समारोह में बातौर मुख्य अतिथि आदिवासी कल्याण सह परिवहन मंत्री चंपाई सोरेन ने कही। उन्होने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने जल जंगल, जमीन व खेत खलिहान व भाषा संस्कृति व परंपरा बचाने के लिए अंग्रेजो से लड़ाई लड़ते हुए बलिदान दिया। आज हम सभी उनकी 140वीं जयंती पर उन्हे यहां एकजूट होकर नमन कर रहे है। मंत्री ने कहा कि जंगल के बीच बसे उलीहातू में जन्म लिये भगवान बिरसा मुंडा ने हमें गुलामी नहीं स्वीकार्य करने की सीख दिया है। अपने 25 मिटन के संबोधन में मंत्री से युवाओं से नशा नहीं करने की अपील की। मंत्री ने कहा कि लंबा लड़ाई व पुर्वजों के बलिदान के बाद झारखंड राज्य बना। इस राज्य की बागडोर आज युवा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हाथ में है। मुख्यमंत्री ने निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत स्थानीय को नौकरी देने का आदेश लागू किया है। मंत्री ने कहा कि झारखंड राज्य में एसिया का सबसे बड़ा जंगल जो कोल्हान में है। यहां यूरेनियम, कोयला, लोहा व खनिज संपदा से परिपूर्ण है। लेकिन बावजूद यहां शोषक बनकर पूंजीवादी आये और आदिवासियों का शोषण किया। उन्होने टाटा कंपनी पर भी निशाना साधा। कहा कि भगवान बिरसा मुंडा व आदिवासी आंदोलनकारियों ने अपना खुन बहाकर सीएनटी एसपीटी एक्ट दिया। कार्यक्रम के दौरान आदिवासी नृत्य प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डिंपल लमाई समेंत संस्था के कई लोगो का योगदान रहा। मौके पर पूर्व जिला अध्यक्ष रंजीत प्रधान, उपाध्यक्ष गोरा दा, मंडल अध्यक्ष दीपक मंडल, गोपाल महतो, मंटू महतो, सुभाष करूवा, परमेश्वर गोराई समेंत कई लोग उपस्थित थे।
आदिवासी संस्कृति कला केन्द्र का होगा निर्माण
इमली चौक स्थित आदिवासी कल्याण समिति के पीछे खाली भुखंड पर आदिवासी संस्कृति कला केन्द्र का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए समाज के लोगो ने मंत्री चंपई सोरेन का आभार व्यक्त किया।