महुआडांड
महुआडांड चर्च में इस मौके पर सफेद वस्त्र धारण किए परम प्रसाद ग्रहण करने वाले सभी बच्चे हाथों में मोमबत्ती लेकर जुलूस की शक्ल में पहुंचे,उनका चर्च में स्वागत किया गया।माता चर्च के मुख्य अनुष्ठान कत्ता फादर रोसनर खलखो ने विशेष पवित्र मिस्सा पूजा कराई,मौके पर फादर ने अपने संदेश में संस्कार ग्रहण करने की प्रक्रिया और प्रभु यीशु के महिमा का गुणगान किया। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि परम प्रसाद संस्कार लेने से पवित्र आत्मा का वरदान मिलता है।इस संस्कार को ग्रहण करने से अच्छे जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने बच्चों को संस्कारी तथा अच्छा व्यक्ति बनने का संदेश दिया। साथ उनके माता पिता की कहा कि जैसा माता-पिता संस्कार देंगे बच्चे वैसा ही आगे बढ़ेंगे।जिस बच्चे ने आज परम प्रसाद ग्रहण किया उसके दिल में ईश्वर वास कर गए।मनुष्य के दिल में ही ईश्वर का मंदिर होता है।वही इस कार्यक्रम में मुख्य प्रचारक आनंद टोप्पो के नेतृत्व में 44 बच्चों का पहला परम प्रसाद संस्कार लेने के साथ उनको अध्यतामिक रूप से तैयार करने में काफी सराहनीय योगदान रहा वही बच्चो को अध्यतामिक ज्ञान के साथ नैतिक ज्ञान के साथ पहला परम प्रसाद ग्रहण करने हेतु सिस्टर के द्वारा विशेष तौर पर तैयार किया गया।संस्कार करने वाले बच्चों ने ईश्वर का निवेदन किया व पाठ पढ़ा तथा ईश्वर का धन्यवाद देते हुए परम प्रसाद ग्रहण किया।साथ ही उपस्थित सभी मसीही समुदाय के लोगों को भी परम प्रसाद दिया गया। कार्यक्रम के दौरान मसीही महिला कोयल दल के द्वारा मसीह गान गाया गया।अंत में नाचगान व सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ ही उपस्थित मसीहियो ने पहला परम प्रसाद ग्रहण करने वाले बच्चों को संस्कार लेने पर शुभकामनाएं दी। संस्कार समारोह में पल्ली के बड़े फादर सुरेश किड़ो,सुरेश तिर्की सहित काफी संख्या में मसीही विश्वासी व संस्कार लेने वाले बच्चों के अभिभावक उपस्थित थे।बताते चले कि कोरोना काल को दिखते हुए यह कार्यक्रम नहीं हो पाया था। जबकि हर साल जून माह के पहले सप्ताह में यह कार्यक्रम आयोजित की जाती है।