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रिचुघुटा वन क्षेत्र में PHC के डॉक्टर ने देखा बाघ, पीटीआर के अधिकारियों को दी जानकारी बाघ की तलाश में जुटा पीटीआर और वन विभाग, 48 घंटे बाद भी नहीं मिले सबूत

रिचुघुटा वन क्षेत्र में PHC के डॉक्टर ने देखा बाघ, पीटीआर के अधिकारियों को दी जानकारी

बाघ की तलाश में जुटा पीटीआर और वन विभाग, 48 घंटे बाद भी नहीं मिले सबूत


पलामू : लंबे समय से पलामू टाइगर रिजर्व एवं इससे सटे वन क्षेत्र में बाघ नहीं दिख रहा है. इससे काफी निराशा हाथ लग रही है. इस बीच खुशखबरी आयी है. पीटीआर से सटे वन क्षेत्र में बाघ देखे जाने का दावा किया गया है. हालांकि 48 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पीटीआर को इसके पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं. वन और टाइगर रिजर्व के 10-10 कर्मियों की टीम बाघ को तलाशने में जुटी है. संभावित क्षेत्र के दो से तीन किलोमीटर के एरिया में ट्रैपिंग कैमरे लगाये गये हैं. इन इलाकों में बाघ का मल (स्कैट) भी ढूंढ़ा जा रहा है.

जानकारी मिली है कि लातेहार वन प्रमंडल क्षेत्र के रिचुघुटा में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के डॉ पी कुमार ने सिक्युरिटी गार्ड के मोबाइल की रोशनी में बुधवार-गुरुवार की रात पास के जंगल में बाघ को देखा. बाघ देखे जाने पर डॉक्टर के होश उड़ गये. आनन-फानन में डॉक्टर पी कुमार ने इसकी जानकारी पास के जोबांग थाना प्रभारी गौतम कुमार को दी. थाना प्रभारी ने उन्हें सलाह दी कि वे इस मामले में वन विभाग और पीटीआर के अधिकारियों को जानकारी दे देंगे, आप पीएचसी में सुरक्षित रहें.

मामले में पीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर मुकेश कुमार ने सक्रियता दिखायी और बाघ देखे जाने वाली जगह के दो से तीन किलोमीटर के इलाके में ट्रेपिंग कैमरे लगवा दिये हैं. डिप्टी डायरेक्टर ने जानकारी दी कि डॉक्टर की जानकारी पर बाघ की तस्वीर लेने और उसके मल को ढूंढ़ने की कोशिश की जा रही है. ताकि इस संबंध में पुख्ता प्रमाण इक्ट्ठा किये जा सकें. इसके लिए 10 से 12 दिनों तक इलाके में लगातार निगरानी रखी जायेगी.

पीटीआर के ही डिप्टी डायरेक्टर कुमार आशीष भी पूरे मामले पर नजर रख रहे हैं. उन्होंने बताया कि लातेहार वन प्रमंडल और पीटीआर के 10-10 कर्मियों को बाघ की तलाश में लगाया गया है. जिस जगह पर बाघ के देखे जाने की जानकारी दी गयी है वह वन क्षेत्र है और वहां से पीटीआर का इलाका 12 किलोमीटर दूर है. ऐसे में अगर आस पास बाघ है तो वह पीटीआर का ही हो सकता है. फिलहाल न तो बाघ की तस्वीर ली जा सकी है और न ही जंगल से उसके मल ढूंढ़े जा सके हैं.

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