कुड़ुख भाषा एवं संस्कृति पुनरूत्थान केन्द्र बम्हनी का शुभारंभ वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने किया।
पर्यटन, कला, संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के सौजन्य से बम्हनी में कुड़ुख भाषा एवं सांस्कृतिक पुनरूत्थान केन्द्र का उदघाटन आज वित्त, वाणिज्य कर योजना एवं विकास तथा खाद्य आपूर्ति विभाग के मंत्री रामेश्वर उराँव, लोहरदगा के सांसद सुदर्शन भगत, उपायुक्त गुमला शिशिर कुमार सिन्हा, पुलिस अधीक्षक डॉ0 एहतेशाम वकारिद एवं अतिथियों ने संयुक्त रूप से केन्द्र के शिलापट्ट का अनावरण कर किया। इस अवसर पर केन्द्र परिसर में अशोक का पौधा लगाया गया।
मुख्य मंच में कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलन एवं फीता काटकर किया गया। इस अवसर पर पारम्परिक ढंग से ’’आना आदि मुंज्जरना मलका’’ प्रार्थना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
उदघाटन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि वित्त, वाणिज्य कर योजना एवं विकास तथा खाद्य आपूर्ति विभाग के मंत्री रामेश्वर उराँव ने कहा कि झारखण्ड सरकार आम नागरिकों को उनकी प्राथमिक आवश्यकताओं भोजन, वस्त्र, आवास, शिक्षा, चिकित्सा के साथ जनजातीय भाषा एवं संस्कृति के संरक्षण के लिए कृत संकल्पित है। इसी उद्देष्य से झारखण्ड राज्य के विभिन्न प्रक्षेत्रों में प्रचलित जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा मुण्डारी, संथाली, हो, खड़िया, कुड़ुख, नागपुरी, पंच परगनिया, खोरठा एवं कुरमाली भाषा को विकसित करने के लिए राज्य के 09 जिलों में अलग-अलग क्षेत्रीय भाषाओं के विकास एवं संरक्षण के लिए सांस्कृतिक केन्द्र के गठन की दिशा में कार्य कर रही है।
मुख्य अतिथि ने कहा कि भाषा क्षेत्र की पहचान होती है। भाषा से ही क्षेत्र की संस्कृति का परिचय मिलता है। गुमला जिले में कुड़ुख भाषा अत्यधिक प्रचलित है। इसलिए गुमला में कुड़ुख भाषा एवं संस्कृति के लिए सांस्कृतिक पुनरूत्थान केन्द्र का शुभारंभ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं मंे जनजातीय भाषा में जोड़ा गया है। इससे क्षेत्रीय भाषा के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा तथा प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से युवक-युवतियों को नौकरी का अवसर मिलेगा।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि सांसद सुदर्शन भगत ने कहा कि जनजातीय भाषा एवं संरक्षण तथा कुड़ुख भाषा के पुनरूत्थान हेतु स्थापित यह राज्य स्तरीय संस्थान झारखण्ड सहित गुमला जिले के लिए एक महत्वपूर्ण उपहार है। हमारी संवृद्ध भाषा एवं संस्कृति के उत्थान तथा अग्रतर प्रगति के लिए यह केन्द्र एक प्रशिक्षण संस्थान साबित होगा। उन्होंने स्थानीय नागरिकों एवं ग्रामीणों की मांग पर निकट भविष्य में अखड़ा निर्माण हेतु सांसद निधि से राशि की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि झारखण्ड की जनजातीय कला, संस्कृति एवं भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए राज्य के विभिन्न जिलों में प्रचलित भाषा की बहुलता के आधार पर भाषा संस्कृति विकास केन्द्र की स्थापना एक सकारात्मक कदम है। गुमला में कुड़ुख भाषा के विकास एवं संरक्षण के लिए कुड़ुख भाषा से संबंधित शिक्षाविद् एवं भाषाविद् लोगों को आगे आने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर उपायुक्त गुमला शिशिर कुमार सिन्हा ने कहा कि जिला प्रशासन सरकार के दिशा निर्देश पर जिले वासियों के आर्थिक विकास सहित बौद्धिक विकास एवं कला संस्कृति के संरक्षण की दिशा में लगातार क्रियाशील है। गुमला जिले में कुड़ुख जनजातीय भाषा के उत्थान तथा विकास के लिए पूर्व में निर्मित कुड़ुख भवन में आधारभूत संरचना एवं सुदृढ़ीकरण के लिए जिला प्रशासन सक्रिय है। केन्द्र की सुरक्षा एवं नागरिक सुविधाओं के विकास के लिए उन्होंने पुलिस प्रशासन को सांस्कृतिक केन्द्र में चौकीदार की प्रतिनियुक्ति का निदेश दिया। साथ ही बहुत जल्द केन्द्र में पेयजल की नियमित व्यवस्था उपलब्ध कराने की बात कही। उपायुक्त ने कहा कि कुड़ुख भाषा सांस्कृतिक केन्द्र के उचित संचालन के लिए विभागीय निर्देश के आलोक में शीघ्र ही एक जिला स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विगत दिनों पूरे देश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी जगह स्वास्थ्य सुविधाओं को विकसित किया जा रहा है। गुमला जिले के सदर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट का कार्य पूरा हो गया है। शीघ्र ही पुगु पंचायत में आरटीपीसीआर जाँच केन्द्र की निर्माणाधीन इकाई को चालू किया जाएगा। जिससे स्थानीय स्तर पर कोविड टेस्ट का सुविधा उपलब्ध होगी।
इस अवसर पर पूर्व विधायक देवकुमार धान, जिला परिषद अध्यक्ष किरण माला बाड़ा, पुलिस अधीक्षक डॉ0 एहतेशाम वकारिद, खोरा पंचायत की मुखिया सरोज उराँव ने भी समारोह को संबोधित किया। इससे पूर्व डोरंडा महाविद्यालय रांची के सहायक प्राध्यापक डॉ0 नारायण भगत ने स्वागत भाषण करते हुए सांस्कृतिक केन्द्र के माध्यम से भविष्य में क्रियान्वित किए जाने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत किया। जतरा टाना भगत विद्यालय घांसीटोली की छात्राओं ने स्वागत गीत एवं कला जत्था दल के द्वारा सामुहिक रूप से मनमोहक कड़सा नृत्य की प्रस्तुतिकरण की गई। समिति के सदस्य सह गुमला के सेवानिवृत उप विकास आयुक्त पुनई उराँव ने धन्यवाद ज्ञापन किया। मंच का सफल संचालन कमल उराँव के द्वारा तथा पारम्परिक पूजा हरि पहान के नेतृत्व में किया गया।
उदघाटन समारोह के अवसर पर उप विकास आयुक्त कर्ण सत्यार्थी, अनुमण्डल पदाधिकारी रवि आनन्द, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी देवेन्द्र नाथ भादुड़ी, सहायक योजना पदाधिकारी विभूति कुमार सिंह, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रोशन बरवा, रोहित उराँव, मुरलीमनोहर प्रसाद, रमेश कुमार चीनी, आशिक अंसारी, प्रोफेसर भूषण महतो सहित बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक ग्रामीण, विभिन्न कॉलेजों के अध्यापकगण, शिक्षाविद् एवं मीडियाकर्मी उपस्थित थे।