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Wed. Feb 5th, 2025

देवघर// 17 साइबर अपराधी गिरफ्तार, 27 मोबाइल, 44 सिमकार्ड, 5 एटीएम कार्ड और 1.30 लाख रुपया कैश बरामद

*देवघर// 17 साइबर अपराधी गिरफ्तार, 27 मोबाइल, 44 सिमकार्ड, 5 एटीएम कार्ड और 1.30 लाख रुपया कैश बरामद*

 

देवघर साइबर थाना की पुलिस ने सत्रह साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। साइबर थाना की पुलिस ने देवघर जिला के कुंडा थाना क्षेत्र के भौराजमुआ एवं ठाढ़ीदुलमपुर, जसीडीह थाना क्षेत्र के केनमनकाठी, सारवां थाना क्षेत्र के ब्रह्मतरा और मोहनपुर थाना क्षेत्र के सिरसा और घोरमारा गांव से सत्रह साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। शुक्रवार को इस बाबत आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में पूरे मामले की जानकारी देते हुए मुख्यालय डीएसपी मंगल सिंह जामुदा ने बताया कि इन साइबर अपराधियों के पास से 27 मोबाइल, 44 सिम कार्ड, 5 एटीएम कार्ड, 12 पासबुक, 2 चेकबुक और 130800 रुपया नगद बरामद किया गया है। गिरफ्तार अपराधियों में 22 वर्षीय चंदन दास, 25 वर्षीय नंदन दास, 27 वर्षीय चंदन दास, 22 वर्षीय रवि दास, 20 वर्षीय प्रवीण यादव, 22 वर्षीय विकास दास, 19 वर्षीय मौला बक्श अंसारी, 22 वर्षीय रकीब अंसारी, 30 वर्षीय महबूब अंसारी, 25 वर्षीय मोइनुद्दीन अंसारी, 19 वर्षीय शहादत अंसारी, 20 वर्षीय बदरुद्दीन अंसारी, 23 वर्षीय सदीक अंसारी, 37 वर्षीय राजू सिंह, 19 वर्षीय विराट सिंह, 37 वर्षीय राजेश मंडल और 32 वर्षीय सुजीत मंडल का नाम शामिल है। डीएसपी द्वारा यह जानकारी दी गयी कि गिरफ्तार साइबर अपराधी नंदन दास और चंदन दास एवं राजेश मंडल और सुजीत मंडल आपस में भाई हैं। इसके साथ ही इस बात की जानकारी दी गयी कि गिरफ्तार राजू सिंह का आपराधिक इतिहास है और उस पर पूर्व से मोहनपुर थाना में एक आपराधिक मामला दर्ज है। वहीं इसके अलावे डीएसपी ने बताया कि इन साइबर अपराधियों द्वारा साइबर ठगी की घटना को अंजाम देने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जाते थे। साइबर अपराधी फोन पे कस्टमर को रिक्वेस्ट भेजकर ड्रीम 11, रम्मी और तीन पत्ती गेम के माध्यम से ठगी करते हैं। इसके साथ साइबर अपराधी गूगल सर्च इंजन का कस्टमर केयर अधिकारी बनकर लोगों को लॉटरी का प्रलोभन देकर पैसों की ठगी करते थे। साथ ही ये साइबर अपराधी फर्जी बैंक अधिकारी बनकर लोगों को फोन करते हैं और उन्हें बताते हैं कि उनका एटीएम बंद होने वाला है। इसके अलावा केवाइसी अपडेट कराने के नाम पर भी ठगी की जाती है। इन अपराधियों द्वारा साइबर ठगी के लिए गूगल पे का भी सहारा लिया जाता था। साथ ही साइबर अपराधियों द्वारा वर्चुअल पेमेंट एड्रेस के माध्यम से भी ठगी की जाती थी।

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