एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को अविलंब लागू करने की मांग एवं मनोज झा अधिवक्ता के परिजनों को 25 लाख रुपया मुआवजा देने की भी मांग की
पलामू में अधिवक्ता न्यायिक कार्य से अलग रहे, उपायुक्त पलामू से मिलकर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा
डालटनगंज:
झारखंड बार काउंसिल के दिशा निर्देश पर शुक्रवार को पलामू जिले के सभी अधिवक्ता न्यायिक कार्य से अलग रहे।
विदित हो कि अधिवक्ता मनोज कुमार झा के हत्या के विरोध में झारखंड स्टेट बार काउंसिल के द्वारा यह निर्णय लिया गया था कि राज्य के कोई भी अधिवक्ता न्यायिक कार्य मे हिस्सा नहीं लेंगे।
इसी आलोक में पलामू जिला अधिवक्ता संघ के अधिवक्ता भी न्यायिक कार्य से अपने को अलग रखे व उपायुक्त पलामू से मिलकर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा।
अधिवक्ताओं ने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को अविलंब लागू करने की मांग की गई ताकि अधिवक्ता गण भयमुक्त वातावरण में न्यायिक कार्यो का निष्पादन कर सके। साथ ही मनोज झा अधिवक्ता के परिजनों को 25 लाख रुपया मुआवजा देने की मांग व दोषी व्यक्तियों की शीध्र गिरप्तारी व एडीजे उत्तम आनन्द की मौत की घटना की उच्च स्तरीय जांच की भी मांग शामिल है।
उन्होंने कहा कि राज्य में अधिवक्ता प्रोटेक्शन कानून जरूरी है । इसे शीघ्र लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिवक्ता संघ भवन का निर्माण जिला योजना से कराने की मांग की है। इसपर उपायुक्त ने सकारात्मक पहल करने का आश्वासन दिया है।
साथ ही सी एन टी एक्ट के प्रावधानों के तहत परमिशन हेतु दिए गए आवेदन के साथ वकालतनामा स्वीकार कराने की मांग की है। इससे आम जनता को न्याय मिल सके।
इस मौके पर उपायुक्त को ज्ञापन सौंपने वालों में अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सचिदानंद तिवारी, महासचिव सुबोध कुमार सिन्हा, कोषाध्यक्ष जय किशोर पाठक शामिल हैं।
इस मौके पर शशि भूषण दुबे, दिवाकर दुबे, दिनेश चंद पाण्डेय, संतोष कुमार पाण्डेय शामिल थे।