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व्यापारियों के दर्द को समझे सरकार-अनिल मोदी।

अनिल मोदी

जमशेदपुर–5 जून।सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के सचिव(पी आर डब्लू)एवं जमशेदपुर थोक वस्त्र विक्रेता संघ के पूर्व उपाध्यक्ष अनिल मोदी नें राज्य सरकार से व्यापारियों का दर्द समझनें की गुहार लगाई है।उन्होंने कहा कि लॉक डाउन के कारण विगत लगभग दो महीने से वस्त्र व्यापारियों की दुकानें बंद है।उनकी आमदनी का जरिया बंद है, जबकि खर्चे सारे यथावत है।दुकान का किराया,कर्मचारियों का वेतन,बैंक ब्याज की क़िस्त,स्टॉक का सूद,रोजमर्रा के खर्चे सभी चालू है।इन परेशानियों के बावजूद व्यापारी अपनें समाजिक दायित्वों का भी निर्वाहन कर रहें है और अपनी कूवत से बढकर जरूरत मंदों की मदद कर रहें है।लेकिन इन व्यापारियों के दर्द को समझने वाला कोई नहीं है।उन्होंने कहा कि झारखंड में तो वस्त्र व्यापारियों पर दोहरी मार है।उन्होंने कहा की वस्त्र की बिक्री आयोजन ओर त्योहार विशेष पर टिकी है।और ईद ओर लगन जैसे अवसर लॉक डाउन की भेंट चढ़ चुके है।उन्होनें कहा कि व्यापारियों के समक्ष सबसे बड़ा संकट स्टॉक क्लियर करनें के साथ साथ देनदारी को क्लियर करना है।।उन्होंने कहा कि वस्त्र व्यापार की संरचना थोड़ी अलग है।इससे बड़े और छोटे निर्माता के साथ थोक व्यापारी,खुदरा व्यापारी,घर घर फेरी कर बेचने वाले अति छोटे विक्रेता,फूटपाथ पर पटरी में रख कर माल बेचने वाले फुटकर विक्रेता एवं इन सब के साथ हज़ारो कर्मचारी जुड़े हैं।उन्होंने कहा कि छोटे और मध्यम व्यापारियों के साथ इन सभी का अस्तित्व खतरे में है।झारखंड में तो वस्त्र व्यापारियों के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है।पिछले साल लॉक डाउन में भी सबसे अंत मे वस्त्र व्यापारियों को व्यापार की अनुमति मिली थी।इस बार भी हालात वैसे ही दिख रहे है।उन्होंने कहा कि वस्त्र व्यापारियों को इस संकट से उबारने के लिए ठोस कार्ययोजना बनानीं चहिये।उन्होंने मांग की की सभी व्यापारियों के लोन की किश्त को माफ कर एवं उन्हें इस दौर से उबारने के लिए फौरी तौर पर सॉफ्ट लोन की व्यवस्था की जाए ताकि व्यापारी अपना अस्तित्व बचा सकें।

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