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जीएसटी कॉउंसिल की कल की मीटिंग से पहले आज कैट ने जीएसटी प्रावधानों के पालन हेतु समय माँगा  – Rajdhani News
Fri. Nov 22nd, 2024

जीएसटी कॉउंसिल की कल की मीटिंग से पहले आज कैट ने जीएसटी प्रावधानों के पालन हेतु समय माँगा 

Suresh sonthalia

कैट ने केंद्र और राज्य सरकारों से वित्तीय पैकेज की मांग की

कल होने वाली बहुप्रतीक्षित जीएसटी कौंसिल की बैठक से पूर्व आज कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीथारमन तथा सभी राज्यों के वित्तमंत्रियों को एक पत्र भेजकर उनसे विभिन्न जीएसटीआर रिटर्न दाखिल करने की तारीख को 31 अगस्त तक आगे बढ़ाने करते हुए यह भी मांग की है की जीएसटी अधिनियम और नियमों के तहत लगने वाले विलंब शुल्क और ब्याज को इस अवधि के लिए समाप्त किया जाए | कैट ने यह भी आग्रह किया है कि कोविड महामारी और ब्लैक फंगस के इलाज़ के लिए आवश्यक सभी चिकित्सा और शल्य चिकित्सा उपकरणों पर जीएसटी की दर को भी काफी कम किया जाए ! कैट ने व्यापारियों के लिए वित्तीय पैकेज और बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों से लिए गए ऋण पर छह महीने की मोहलत की भी मांग की है।

कैट के राष्ट्रीय श्री सुरेश सोन्थालिया ने श्रीमती सीथारमन को भेजे पत्र में कहा कि वर्तमान कोरोनावायरस महामारी जिसने पूरे देश में व्यावसायिक गतिविधियों को अत्यधिक बाधित कर दिया है, ने देश के घरेलू व्यापार को काफी हद तक तबाह कर दिया है।ऐसे समय में जब व्यापारी पिछले वर्ष के लॉक डाउन के कारण कठिनाइयों में आये व्यापार को संकट से उबार ही रहे थे ऐसे में कोरोना की दूसरी लहर के कारण एक बार फिर व्यापारियों को लॉक डाउन का सामना करना पड़ा है जिसके चलते व्यापारियों को लॉक डाउन खुलने के बाद एक बड़े वित्तीय संकट का सामना करना पड़ेगा !

श्री सोन्थलिया ने कहा कि कैट ने श्रीमती सीथारमन को 22 मई,2021 को भेजे एक विस्तृत ज्ञापन में जीएसटी से सम्बंधित अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर उनका ध्यान आकृष्ट करते हुए व्यापारियों से बातचीत कर जटिल जीएसटी कर प्रणाली को आसान बनाने का आग्रह किया था किन्तु कल जीएसटी कॉउन्सिल की होने वाली बैठक के मद्देनज़र कैट ने कुछ बेहद जरूरी विषय उठाये हैं जिन पर कॉउन्सिल निर्णय कर फिलहाल व्यापारियों पर से कर प्रावधानों की पालना को टाला जाना जरूरी है ! उन्होंने कहा की रिटर्न दाखिल करने के लिए विलंब शुल्क देर से कर जमा करने पर ,ब्याज आदि को माफ किया जाना चाहिए। जीएसटी रिटर्न के स्थान पर चालान को कर के भुगतान का आधार बनाया जाना चाहिए !

कैट ने यह भी कहा की इस समय किसी भी व्यापारी का पंजीकरण तब तक रद्द न किया जाए जब तक कि ऐसा करने के लिए आवश्यक कारण न हों। इससे व्यापार पूरी तरह से पटरी से उतर जाएगा। एक वर्ष में 20 करोड़ से कम टर्नओवर वाले सभी व्यापारियों के लिए, 17-18 और 18-19 के वर्षों के लिए कोई सर्वेक्षण या ऑडिट या विशेष मूल्यांकन का आदेश नहीं दिया जाना चाहिए। वर्तमान में व्यापारी इसे वहन नहीं कर सकते। जहां तक संभव हो, अधिकारियों को व्यापारियों को गिरफ्तार करने या उनके बैंक खाते संलग्न करने या उन्हें बयान के लिए बुलाने से पहले बहुत सतर्क रहने का निर्देश दिया जाना चाहिए। व्यापार में दहशत का माहौल है और ये कार्रवाइयां आगे संकट पैदा करेंगी जब तक कि ऐसा करने के लिए बहुत जरूरी कारण और औचित्य न हों।

श्री सोन्थालिया ने आगे मांग की कि देश के सभी प्राधिकरणों को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वे तकनीकी आधार पर वाहनों को न रोकें या ई-वे बिल में मामूली त्रुटियां होने के कारणकोई वहां जब्त न किया जाए ! ये निर्देश कम से कम दिसंबर 2021 तक लागू रहने चाहिए। निर्यात संबंधी रिफंड के लिए राज्य जीएसटी स्तर के अधिकारियों को निर्देश दिया जाए कि वे यह सुनिश्चित करें कि वित्तीय संकट से उबरने के लिए रिफंड तुरंत जारी किया जाए और आईजीएसटी रिफंड को भी तुरंत जारी किया जाए ! वैसे भी ऑडिट करते वक़्त यदि कोई त्रुटि सामने आती है तो उसके अनुरूप उस समय कार्रवाई की जा सकती है ! इस समय व्यापार को बचाने और पटरी पर लाने की जरूरत है !

व्यापारियों के लिए वित्तीय पैकेज की आवश्यकता पर बल देते हुए श्री सोन्थालिया ने कहा कि हालांकि इस मुद्दे का जीएसटी से कोई संबंध नहीं है, लेकिन इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि सभी राज्यों के वित्त मंत्री जीएसटी परिषद के सदस्य हैं और चूंकि यह केंद्र और राज्य सरकार दोनों का एकमात्र संयुक्त मंच है और व्यापारियों का भला करना केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की संयुक्त जिम्मेदारी है, इस दृष्टि से दोनों सरकारें मिलकर व्यापारियों को वित्तीय सहायता देने का प्रारूप तैयार कर उसकी घोषणा करे ! ऐसे पैकेज की तत्काल आवश्यकता हैं क्योंकि व्यापारियों की दुकानें और बाजार पिछले एक महीने से अधिक समय से बंद हैं तथा पैसे की कोई आमद नहीं है, जबकि परिवार और स्थापना खर्चों जैसे कर्मचारियों के वेतन, बिजली बिल, पानी के बिल, संपत्ति कर और विभिन्न अन्य आकस्मिक खर्चों को पूरा करने के लिए पैसे का खर्च होना जारी है |

कैट ने वित्तमंत्री श्रीमती सीथरामन से अनुरोध किया है वो जीएसटी कॉउंसिल के अन्य सदस्यों के साथ बातचीत कर व्यापारियों को उनके अपने व्यवसाय को दोबारा ठीक तरह से चलाने के लिए एक व्यापक वित्तीय पैकेज प्रदान करने की घोषणा करें !

कैट ने श्रीमती सीथारमन से आग्रह किया है की सरकार बैंकों को निर्देश जारी करे की ईएमआई, ब्याज आदि के भुगतान के लिए छह महीने की अवधि का एक मोरोटोरियम घोषित हो चूंकि व्यापारी सरकार के मानद कर संग्रहकर्ता हैं, इसलिए हमें केंद्र और राज्य सरकारों से ऐसी वित्तीय सुविधाओं की मांग करने का पूर्ण अधिकार है. गौरतलब है कि पिछले साल पिछले लॉकडाउन के दौरान व्यापारियों को एक भी पैकेज में एक रुपया भी नहीं दिया गया था।

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