अब एक से दूसरे राज्य जाने के लिए आरटी पीसीआर जांच की आवश्यकता नहीं होगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को दिए निर्देश में कहा है कि देश की प्रयोगशालाओं पर बढ़ते अत्यधिक भार को कम करने और सही दिशा में जांच करने के लिए अंतर राज्यीय यात्रा के लिए आरटी पीसीआर जांच की अनिवार्यता को खत्म कर दिया जाए।
हालांकि मंत्रालय ने यह भी कहा कि यह छूट केवल उन्हीं लोगों को मिलनी चाहिए जोकि पूरी तरह स्वस्थ्य हों। मंगलवार को प्रेस कान्फ्रेंस में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने यहां तक अपील की है कि अगर किसी को सर्दी, जुकाम या बुखार मामूली रुप से भी है तो भी उन्हें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
ऐसे में यात्रा करना काफी नुकसानदायक हो सकता है।
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड सहित कुछ राज्यों ने हाल ही में 72 घंटे के अंदर कराई आरटी पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट के आधार पर ही दूसरे राज्य से आने वाले को प्रवेश देने का नियम लागू किया था।
पिछले वर्ष भी ऐसे ही नियम कई राज्यों ने अपने अपने क्षेत्र में लागू किए थे लेकिन इस बार दूसरी लहर में मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद जांच की वेटिंग भी कई शहरों में सात से आठ दिन तक पहुंच गई है। कई मामले तो ऐसे भी सामने आए हैं कि अस्पताल में भर्ती या मौत होने के बाद उसके संक्रमित होने का परिवार को पता चला। अब आरटी पीसीआर से जुड़े नियमों में नए बदलाव किए जा रहे हैं।
दरअसल सप्ताह भर पहले आईसीएमआर ने राज्यों को सलाह दी थी कि एक से दूसरे राज्य जाने वालों के लिए आरटी पीसीआर की अनिवार्यता को खत्म कर दिया जाए।
साथ ही जो लोग एंटीजन जांच में संक्रमित मिले हैं उनकी दोबारा जांच नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा अस्पताल से डिस्चार्ज मरीज के लिए भी दूसरी बार कोविड जांच की जरूरत नहीं है। इन तीन बदलावों के पीछे मुख्य वजह यह है कि आईसीएमआर कम समय में सही मरीज तक पहुंचना चाहता है ताकि संक्रमण को तत्काल आइसोलेट किया जा सके।
अभी आरटी पीसीआर की मांग अधिक होने की वजह से जरूरतमंद मरीजों को भी वेटिंग का इंतजार करना पड़ रहा है। इसलिए राज्यों को तत्काल संज्ञान लेते हुए नियमों में बदलाव करने के लिए कहा है। साथ ही एंटीजन जांच और ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर 24 घंटे जांच सेंटर स्थापित करने पर अधिक ध्यान देने के लिए कहा है।