रांची। एक ट्रिप चलने वाली अहमदाबाद-धनबाद सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेन सोमवार को रांची होकर गुजरी। इसमें करीब 1200-1300 मजदूर यात्री सवार थे। 22 कोच वाली पूर्णत: आरक्षित इस ट्रेन में रांची स्टेशन में करीब 200-250 यात्री उतरे। सभी रांची आसपास के ग्रामीण व छोटे शहरों के यात्री थे, जिनमें अधिकतर मजदूर वर्ग के थे। अधिकतर चतरा आसपास के लोग रांची उतरे हैं। यात्रियों ने बताया कि अहमदाबाद में लॉकडाउन की स्थिति को देखते हुए हम लोग वापस आ गए हैं। विगत महीने हमलोग अहमदाबाद की फैक्ट्रियों में काम करने के लिए गए थे। वहां फैक्ट्री बंद हो गई है। वहां कोई काम नहीं है। इस इस वजह से फैक्ट्री मालिक ने हमलोगों को वापस अपने घर चले जाने को बोला।वहां रहना-खाना मुश्किल था। इसलिए वापस लौट गए।
अन्य यात्रियों ने कहा कि कई दिनों से झारखंड वापस लौटना चाह रहे थे, परंतु वहां से कोई स्पेशल ट्रेन नहीं मिल रही थी। जो भी ट्रेन थी, उसमें बिना आरक्षण के सफर करने नहीं दिया जा रहा था। हमलोग रोज दिन स्टेशन जाते थे और ट्रेन के बारे में पता करते थे। ट्रेन नहीं होने पर दोबारा वापस आ जाते थे। मजदूरों ने बताया कि अचानक झारखंड के अन्य मजदूरों से सूचना मिली कि रेलवे प्रशासन द्वारा अहमदाबाद से झारखंड के लिए सीधी स्पेशल ट्रेन चलायी जा रही है तो हमलोगों ने तुरंत टिकट कटवा लिया और वापस आ गए।
रांची उतरने वाले यात्रियों को नहीं मिला साधन
सैकड़ों यात्री रांची स्टेशन में उतरे। कई को चतरा, खलारी, मांडर, गुमला, बंदगांव जाना था, परंतु दोपहर दो बजे के बाद लॉकडाउन के कारण वे सभी यात्री रांची में ही फंस गए। अधिकतर यात्री समूह बनाकर पैदल बिरसा बस स्टैंड की ओर बस की तलाश में निकल गए, जबकि अन्य दूसरी जगहों में रात गुजारने के लिए चले गए। दूसरी ओर स्टेशन के बाहर भी यात्रियों को ठहरने-रुकने नहीं दिया जा रहा था।
स्टेशन में नहीं हुई कोविड जांच
स्पेशल ट्रेन से आने वाले यात्रियों की कोविड जांच स्टेशन में नहीं हुई। पूर्व में प्रवेश द्वार पर कोविड जांच हो रही थी, परंतु वह जांच केंद्र खाली था। स्वास्थ्य विभाग का वाहन स्टेशन परिसर में खड़ा था। रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार कोविड जांच स्टेशन के अंदर आरपीएफ पोस्ट के समीप हो रही थी, जिसमें सिर्फ 13 लोगों की जांच हो पाई।