कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच इलाज काफी महंगा पड़ रहा है। वहीं, दूसरी ओर अस्पतालों द्वारा मरीजो को कैशलेस इलाज उपलबध नहीं कराने को लेकर रोज सैंकड़ों शिकायते आ रही हैं।
अगर आपके दोस्त या रिश्तेदार के साथ भी इस तरह का वाक्या हुई है तो आप इसकी शिकायत बीमा कंपनी और बीमा लोकपाल अधिकारी के पास आसानी से करा सकते हैं।
इस तरह कंपनी के पास करें शिकायत
बीमाधारक की जिस बीमा कंपनी के पास शिकायत दर्ज करानी है उसके संबंधित शिकायत निवारण सेल से संपर्क करना होगा। यहां बीमधारक को अपनी शिकायत दर्ज करानी होगी। शिकायत दर्ज कराने के 15 दिन के अंदर अगर बीमा कंपनी संताषजनक कदम नहीं उठाती है तो बीमाधारक बीमा कंपनी की शिकायत बीमा नियामक इरडा से कर सकता है।
पंजीकरण फॉर्म डाउनलोड करना होगा
इरडा के पास शिकायत दर्ज कराने के लिए बीमाधार को पूरी जानकारी मुहैया करानी होती है। इसके लिए उसको शिकायत पंजीकरण फॉर्म इरडा की वेबसाइट (http://www.policyholder.gov.in/Report.aspx#) से डाउनलोड करनी होगी। इस फॉर्म में शिकायत का ब्योरा भरकर इरडा की वेबसाइट के जरिये ऑनलाइन या ऑफलाइन शिकायर्ज कर कराई जा सकती है।
चार तरह से दर्ज करा सकते हैं शिकायत
1. इरडा के कंज्यूमर रिड्रैसल डिपार्टमेंट के टोल फ्री नंबर 155255 या 1800 4254 732 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
2. जरूरी दस्तावेजों के साथ Complaints@irdai.gov.in पर मेल कर शिकायत कर सकते हैं।
3. इरडा के पोर्टल से भी शिकायत दर्ज की जा सकती है। इसके लिए अपनी शिकायत को igms.irda.gov.in पर दर्ज कर मॉनिटर कर सकते हैं।
4. इरडा को शिकायत लिखकर भी भेज सकते हैं। इसके लिए शिकायत रजस्ट्रेशन फॉर्म को डाउनलोड कर प्रिंट निकाल लें। इसके बाद इस फॉर्म के साथ जरूरी दस्तावेज लगाकर हैदाबार के पते पर पोस्ट या कोरियर कर सकते हैं।
रेफरेंस नंबर जरूर लें
इरडा या बीमा कंपनी के पास शिकायत दर्ज करने बाद लिखित पावती या रेफरेंस नंबर लेना जरूरी है। इसकी जरूरत आपको आगे पड़ेगी। इसी के जरिये आप अपनी शिकायत पर हो रही कार्रवाई का पता लगा पाएंगे।
अस्पताल के लिए अभी कोई नियामक नहीं
कानून विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा समय में अस्पतालों की गलती पर कार्रवाई करने के लिए देश में कोई रेगुलेटर नहीं है। ऐसे में अगर आप बीमा लोकपाल के पास आप अगर अस्पताल के खिलाफ शिकायत करते हैं तो वह आपकी शिकायत सरकार के पास भेजेगा। अब इस पर कार्रवाई करने का मामला भी सरकार के हाथ में है। बीमा लोकपाल के पास अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है। ऐसे में वित्त मंत्री द्वारा हाल में कार्रवाई की बात से राहत मिल सकती है। सरकार मौजूदा गंभीर हालत को देखते हुए शिकायत मिलने पर अस्पतालाओं पर कानूनी कार्रवाई कर सकती है।