गोपेश्वरः उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत-चीन सीमा के निकट नीति घाटी के सुमना में हिमस्खलन स्थल पर लापता मजदूरों की तलाश के लिए अभियान मंगलवार को भी जारी रहा, जबकि अब तक बरामद सभी 15 शवों की शिनाख्त हो चुकी है।
शुक्रवार को हुए हादसे के बाद मिले सभी मजदूरों के शवों का जोशीमठ में पोस्टमार्टम करने के बाद चमोली जिला प्रशासन ने उन्हें सुरक्षित रखने के लिए एम्बाल्मिंग हेतु श्रीनगर गढ़वाल अस्पताल भेज दिया गया। चमोली के जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि अब तक मिले सभी शवों की शिनाख्त कर ली गई है।
उन्होंने बताया कि सीमा सड़क संगठन के ये सभी मजदूर झारखंड के रहने वाले थे।
जिलाधिकारी ने बताया कि मृतकों के परिजनों तक शव पहुंचाने के लिए झारखंड सरकार से बात की गई है और सीमा सडक संगठन के माध्यम से बुधवार तक सभी शवों को झारखंड सरकार के सुपुर्द कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मलारी से सुमना तक सड़क मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य भी तेजी से चल रहा है। शुक्रवार को सुमना के पास हिमनद टूटने से सीमा सडक संगठन के दो कैंप इसकी चपेट में आ गए थे जिससे वहां काम कर रहे मजदूर बर्फ में दब गए थे जिनकी खोजबीन के लिए यहां सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस, सीमा सड़क संगठन तथा जिला प्रशासन द्वारा राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है।
मलारी गांव से करीब 25 किलोमीटर दूर सुमना धौलीगंगा नदी से निकलने वाली दो धाराओं, गिरथीगाड और किओगाठ के संगम पर स्थित है और हिमस्खलन के समय मौके पर सीमा सड़क संगठन का निर्माण कार्य चल रहा था जहां मजदूर काम कर रहे थे ।