गिरिडीह
माननीय झालसा, रांची के निर्देशानुसार एवं माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गिरिडीह के मार्गदर्शन में आज दिनांक दिनांक 18 अप्रैल, 2021 को कोविड-19 रूपी वैश्विक महामारी के संक्रमण काल में गिरिडीह केंद्रीय कारा में काराधीन बंदियों के लिए ऑनलाइन जेल अदालत -सह- कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया। इस ऑनलाइन जेल अदालत कार्यक्रम में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, गिरिडीह, श्री मिथिलेश कुमार सिंह एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह, श्री श्री संदीप कुमार बर्तम तथा केंद्रीय कारागार गिरिडीह से कारा अधीक्षक, श्री राजमोहन राजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, गिरिडीह श्री मिथिलेश कुमार सिंह ने कारा अधीक्षक, केंद्रीय कारा, गिरिडीह, श्री राजमोहन राजन को निर्देश देते हुए कहा कि कोविड-19 के इस संक्रमण काल में माननीय उच्च न्यायालय, झारखंड रांची द्वारा गठित हाई पावर कमिटी के द्वारा किए गए अनुशंसाओं का अक्षरस: पालन करें। साथ ही जिन नये बंदियों को कारा में रिमांड किया जाता है उसका कोविड-19 टेस्ट अनिवार्य रूप से करवा कर पहले निर्धारित समय तक के लिए आइसोलेशन वार्ड में अन्य बंदियों से अलग रखा जाए। ताकि उनमें से यदि कोई संक्रमित हो तो उसका संक्रमण पूर्व से काराधीन बंदियों तक नहीं फैल सके।
सचिव महोदय जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गिरिडीह, श्री संदीप कुमार बर्तम ने उपस्थित बंदियों को संविधान के द्वारा प्रदत कानूनी अधिकारों के बारे में तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गिरिडीह के द्वारा बंदियों को प्रदान किए जाने वाले विधिक सहायता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि बंदियों के जीवन की रक्षा करना जेल प्रशासन एवं न्याय प्रशासन का कर्तव्य है। सभी बंदी इस कोविड-19 रूपी वैश्विक महामारी में अपने आप को सुरक्षित रख सकें इसके लिए उन्हें मूलभूत आवश्यक संसाधनों को मुहैया कराना जेल प्रशासन का दायित्व है। उन्होंने कारा अधीक्षक से कहा कि जेल के सभी वार्डों मे लगातार सैनिटाइजेशन तथा हाथ धोने के लिए हैंडवाश एवं साबुन की समुचित व्यवस्था रखें। बंदियों को आपस में उचित दूरी बनाकर रहने के लिए निरंतर जागरुक करते रहें। काराधीन बंदियों विशेषकर महिला बंदियों एवं बच्चों को प्राथमिक चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने हेतु भी आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किया गया।
उन्होंने जेल में प्रतिनियुक्त पांचो पारा लीगल वालंटियर्स को भी इस संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए आम बंदियों के बीच सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए निरंतर जागरूकता कार्यक्रम संचालित करने का निर्देश दिया। साथ ही पांचो पीएलबी को यह निर्देश भी दिया गया कि इस कोविड संक्रमण के दौर में कोई भी बंदी अपने कानूनी अधिकारों से वंचित नहीं रहे इसके लिए वे सभी निरंतर आम बंदियों से संपर्क में रहें, यदि किन्हीं को निःशुल्क अधिवक्ता की आवश्यकता हो तो उसका आवेदन तुरंत कारा प्रशासन के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह के ईमेल आईडी पर भेजें। उन बंदियों को तत्काल विधिक सहायता के तौर पर निःशुल्क अधिवक्ता जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गिरिडीह के माध्यम से प्रदान किया जाएगा।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, महोदय, गिरिडीह, सचिव महोदय, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गिरिडीह, कारा अधीक्षक, केंद्रीय कारा गिरिडीह सहित जेल पीएलबी श्री रमेश मंडल, श्री अभिषेक कुमार, श्री संजीत राम, सुश्री प्रार्थना कुमारी तथा न्यायालय कर्मियों एवं जेल कर्मियों की भूमिका सराहनीय रही।
गिरिडीह से डिम्पल की रिपोर्ट