नई दिल्ली: कोरोना महामारी भारत में तेजी से फैल रही है. हालिया रिपोर्ट के मुताबिक अब संक्रमितों की संख्या एक दिन में 2 लाख को पार कर गई है. इनमें से कई ऐसे बच्चे भी कोरोना की चपेट में आ गए हैं, जिनकी उम्र बहुत कम है. दिल्ली में कुल 5 ऐसे बच्चों का पता चला है, जो 8 माह से लेकर 12 साल तक की उम्र के हैं. अबतक ये माना जा रहा था कि कोरोना का संक्रमण बच्चों में नहीं पहुंच पा रहा है, या उन्हें कम नुकसान पहुंचाता है.
लेकिन नई जानकारी के मुताबिक कोरोना के नए स्ट्रेन में बच्चों को भी नुकसान पहुंचाने की क्षमता है.
वरिष्ठ चिकित्सकों की मानें तो तो बच्चों में बुखार, खांसी, डायरिया जैसी शिकायत होने पर इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज ना करें, क्योंकि ये कोरोना के लक्षण हो सकते हैं और हो सकता है कि आपका बच्चा कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुका हो. ऐसे में घबराएं नहीं, और कोरोना की टेस्टिंग कराएं. हम आपको बता रहे हैं उन लक्षणों के बारे में, जो कोरोना संक्रमित बच्चों में खासतौर पर पाए जा रहे हैं.
अगर आपके बच्चे में डायरिया, उल्टी, पेट में दर्द की शिकायत देखने को मिल रही है और तेज बुखार, सांस लेने में दिक्कत, हल्की खांसी, थकान जैसी समस्याएं भी दिख रही हैं. तो ये कोरोना का लक्षण हो सकता है. कोरोना संक्रमित बच्चों में भूख कम लगना और स्वाद का पता नहीं लगना भी शामिल है. इसके अलावा फेफड़ों, किडनी पर भी पड़ रहा प्रभाव कई रेयर केसेज में बच्चों में मल्टी इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम की शिकायतें मिली हैं.
दिल्ली-एनसीआर में इस बार अधिक बच्चे कोरोना के गंभीर लक्षणों के साथ अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं. कई मामलों में तो डॉक्टर भी हैरान रह गए, क्योंकि एक 8 माह का बच्चा कोरोना संक्रमित मिला वो भी बेहद गंभीर हालत में. ऐसे में डॉक्टरों की सलाह है कि अगर आपके छोटे बच्चों में बुखार, खांसी या डायरिया जैसे लक्षण दिखें, तो आम इलाज के साथ ही कोरोना की टेस्टिंग भी कराएं. अगर बच्चा कोरोना संक्रमित निकलता है, तो उसके शरीर में ऑक्सीजन का स्तर लगातार पता करते रहें और इसके लिए डॉक्टर के संपर्क में भी रहें.
कोरोना संक्रमण को बच्चों में होने से रोकने के लिए उन्हें बुजुर्गों से दूर रखें. साथ ही परिवार के जो भी सदस्य बाहर जाते हों, उनसे भी बच्चों को दूर रखें. इसके अलावा अगर बच्चे में संक्रमण दिखता है, तो तुरंत उसे एंटी वायरल दवाएं न दें. ये दवाइयां उल्टा असर भी कर सकती हैं. ऐसे में डॉक्टरी सलाह के आधार पर ही कोई दवा शुरू करें. ध्यान रहे, अब दुनिया पहले जैसी नहीं रही, जैसे कोरोना के आने से पहले थी.