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बाबा साहेब समाज को तोडऩा नहीं, जोडऩा चाहते थे : रघुवर दास

जमशेदपुर । संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपने जमशेदपुर स्थित आवासीय कार्यालय में श्रद्धासुमन अर्पित किया। उन्होंने बाबा साहेब को याद करते हुए उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री ने बाबा साहेब के उच्च विचारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे समाज को तोडऩा नहीं जोडऩा चाहते थे। उन्होंने समतामूलक समाज के लिए काम किया। बाबा साहेब की जीवन से सीख लेते हुए हमें संगठित बनो, संघर्ष करो और शिक्षित बनो की सीख अपने व्यवहार वआचरण में लाना होगा। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के समग्र व्यक्तित्व से हमें खुद को समाज के प्रति समर्पित करने की नैतिक शक्ति मिलती है।
उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के जीवन को जानने, पढऩे, अध्ययन करने, मनन-चिंतन करने का संकल्प लेकर हम अपने जीवन-जगत को ऊंच्चाई तक ले जा सकते हैं। उनके जीवन से हमें समस्याओं से जूझने की एक नई प्रेरणा मिलती है। मुझे बाबा साहेब को पढऩे का, अध्ययन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने बाबा साहेब को अपना प्रेरणा स्रोत बताते हुए कहा कि मैं भी एक छोटे व पिछड़े मजदूर परिवार में जन्म लेकर बड़ा हुआ हूं, इसलिए मैं उनकी वेदना को अच्छी तरह से समझता हूं। जीवन संघर्ष की पीड़ा क्या होती है, इसकी मुझे जानकारी है।
श्री दास ने कहा कि शिक्षा की दिशा में आगे बढऩे के लिए बाबा साहेब से बड़ी प्रेरणा नहीं हो सकती है। एक विद्यार्थी के रूप में उन्होंने जैसा संघर्ष किया, ऐसा संघर्ष हमलोगों को नहीं करना पड़ा है। उन्होंने जितने कष्ट उठाये थे, ऐसे कष्ट तो शायद ही दुर्भाग्य से किसी ने उठाया हो। विपरीत परिस्थियों में उन्होंने जिस उंच्चाई को प्राप्त किया था, और जो संघर्ष किया था वह सबसे संभव नहीं है।

इस अवसर पर जमशेदपुर महानगर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिनेश कुमार, पूर्व उपाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह, जिला महामंत्री राकेश सिंह एवं कुलवंत सिंह बंटी आदि ने भी बाबा साहेब को याद करते हुए उनकी तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पित किया।

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