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महुआडांड़ के बड़े चर्च संत जोसेफ पारिष सहित सभी चर्चों में पवित्र क्रुस रास्ता के साथ गुड फ्राइडे मनाया गया

महुआडांड़

महुआडांड़ के बड़े चर्च संत जोसेफ पारिष सहित प्रखंड के साले,पकरीपाठ,चीरोपाठ,चेतमा,तुन्दुटोली चर्च में गुड़ फ्राइडे के अवसर पर विशेष प्रार्थना का आयोजन किया गया। चर्च शुरू होने से पूर्व ईसाई समुदाय के लोगों द्वारा पवित्र क्रुस रास्ता का आयोजन किया गया। जिसमें प्रभु यीशु के मरण काल को याद कर 14 स्थानों पर क्रुस के साथ यात्रा कर उसके दु:खभोग को याद किया गया।दु: खभोग के मरण याद करते हुए युवा संघ के द्वारा प्रभु यीशु के मरण की झांकी प्रस्तुत की गई।

प्रभु यीशु के जिवनी के बारे में बताया गया

क्रुस रास्ता के बाद मुख्य अनुष्ठानकर्ता फादर ने बताया कि आज जब हम पुण्य शुक्रवार को मना रहे हैं।तो हम सभी अपना ध्यान क्रुस की ओर केंद्रित करें।जिस पर संसार के मुक्तिदाता टंगे थे। आगे उन्होंने प्रभु यीशु के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि क्रुस पर दु:ख सहकर प्रभु हमें दु:ख तकलीफ सहने की बात ख्रीस्तीय अर्थ को समझाते हैं।ख्रीस्तीय दूष्टिकोण से कष्ट प्रभु के दु:खभोग के सहभागी बनने का प्रतीक है।इसी कारण कष्ट सहना पुण्यप्रद माना जाता है।प्रभु की प्राणपीढ़ा मानवजाति के प्रति उनके प्रेम का प्रतीक और प्रमाण है। उन्होंने स्वयं कहा था इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं कि कोई अपने मित्रों के लिए अपने प्राण अर्पित कर दें।वे सबसे इतना प्यार करते थे कि उन्होंने उन सभी लोगों को क्रुस पर से ही माफ किया।

पांच भागों में हुई प्राथर्ना।

जिन्होंने उन्हें क्रुस उठाने के लिए मजबूर किया था।आज के विशेष प्रार्थना में सभी पल्ली वासी के साथ सभी फादर , सिस्टर ने भाग लिया।आज पुण्य शुक्रवार को प्रार्थना पांच भाग में हुए। चर्च आने से पूर्व चर्च गेट पर सभी लोगों को सैनिटाइजर और माक्स के साथ प्रवेश किया जा रहा था।कोरोना संक्रमित को देखते हुए सभी बिना मास्क के चर्च परिसर में प्रवेश वर्जित था।

संवाददाता  शहजाद आलम महुआडांड़ से रिपोर्ट बबलू खान की

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