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Tue. Feb 4th, 2025

कोविड प्रतिबंधों का पालन करते हुए देश भर के साथ जमशेदपुर में कैट के आह्वान पर आज “ई कॉमर्स डेमोक्रेसी डे” का सफल आयोजन

कोविड के बढ़ते मामलों के मद्देनजर प्रत्येक राज्यों में सामूहिक जनसभाओं पर लगे प्रतिबंध का सम्मान पूर्वक पालन करते हुए कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के बैनर तले देश भर में आज पूरे जोश और उत्साह के साथ व्यापारियो ने “ई कॉमर्स डैमोक्रेसी डे”, मनाया। कैट ने विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों की मनमानी, देश के कानून का उलंघन और भारतीय रिटेल सेक्टर पर उनके अनैतिक कब्ज़े के खिलाफ हमेशा अपनी आवाज़ मुखर की है, और देश के छोटे व्यापारियो के अस्तित्व की लड़ाई जारी रखी है। इसी कड़ी में कैट ने 25 मार्च को देश भर में “ई कॉमर्स डेमोक्रेसी डे” मनाने का आह्वान किया था, पर बीते कुछ हफ़्तों में देश भर में अचानक बढ़ते कोविड के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए सभी राज्य सरकारों ने गाइडलाइंस जारी कर दिया है। जिसके बाद सामुहिक जनसमूह या रैलियों पर सख्त प्रतिबंध लग गया है। सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस का सम्मान करते हुए देश भर में व्यापारियों ने करीब 250 बाज़ारों में तथा अपनी दुकानों के बाहर खड़े हो कर “ई कॉमर्स डेमोक्रेसी डे” मनाया और ई कॉमर्स व्यापार पर विदेशी कंपनियों के कब्जे के खिलाफ अपना विरोध दर्ज किया।

आज एक संयुक्त वक्तव्य में कैट के राष्ट्रीय सचिव श्री सुरेश सोन्थलिया ने बताया कि कैट के आह्वान पर आयोजित ‘ई-कॉमर्स लोकतंत्र दिवस’, कोविड के चलते लगे प्रतिबंधो के बावजूद सफल रहा और देश के हर राज्य के विभिन्न जिलों के जिलाधीशों को स्थानीय व्यापारी संगठनों ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के नाम पर एक ज्ञापन सौंपा ! व्यापारी नेताओ ने यह भी बताया हम केंद्र सरकार से यह भी मांग करेंगे कि एफडीआई नीति के तहत प्रेस नोट 2 में आवश्यक परिवर्तन करके एक नया प्रेस नोट जल्द जारी किया जाए और इसका सख्ती से पालन करने का प्रावधान भी किया जाए।

श्री सुरेश सोन्थलिया , सिंहभूम चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स के महासचिव श्री भरत वसानी और जमशेदपुर डिस्ट्रिब्युटर्ज़ असोसीयसन के श्री दिलीप गोयल ने बताया कि कैट के निरंतर प्रयासों के चलते अब विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों के परोक्ष कब्जे से भारत के ई कॉमर्स व्यापार को मुक्त करना जरूरी हो गया हैं नहीं तो ये विदेश ई कॉमर्स कंपनियां स्वयं को ईस्ट इंडिया कम्पनी का दूसरा संस्करण बनाने में देर नहीं लगाएंगी और यदि देश के कानून, नीति और नियमों का ये कंपनियां उल्लंघन करती रहीं और सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की तो देश आर्थिक गुलामी की ओर बढ़ता चला जाएगा !

श्री सोन्थलिया ने कहा कि देश के ई-कॉमर्स की विकृत हो चुके प्रकृति के कारण, देश का खुदरा और थोक व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है।इनमे मोबाइल और मोबाइल एक्सेसरीज़, किराना, मसाले, एफएमसीजी उत्पाद, गिफ्ट आइटम, रेडीमेड गारमेंट्स, फुटवियर, चश्मा, घड़ियाँ, दवाएं और फार्मेसी, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर, होम फर्निशिंग, खिलौने, सब्जियां और ड्राई फ्रूट्स, फूड और ड्रिंक, रसोई उपकरण, बिल्डर्स हार्डवेयर, कार्यालय उपकरण, स्टेशनरी, कागज, और बिजली के सामान आदि प्रमुख हैं। उन्होंने ये भी बताया कि अगर ये स्थिती जारी रही तो बहुत जल्द ये सभी व्यापार समेत अन्य व्यापार पूरी तरह खात्मे की कगार पर पहुच जाएंगे। यही कारण है कि कैट ने श्री गोयल से जल्द इस पर निर्णय लेते हुए नए प्रेस नोट और एक रेगुलेटरी अथॉरिटी के साथ साथ देश के कानून का उल्लंघन करने वालो पर सख्त कार्यवाही की मांग की हैं।

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