आदित्यपुर:
आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र की बड़ी आबादी घोर पेयजल संकट से जूझ रही है. वहीं नगर निगम सभी को पेयजल उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं है, ऐसे में अगर कोई अपने खर्चे पर बोरिंग कराना चाहे तो उसे नगर निगम में आवेदन देकर एक हजार का शुल्क चुकाकर परमिशन लेना पड़ रहा है.
आदित्यपुर नगर निगम बोर्ड द्वारा जनहित के विरुद्ध बोरिंग शुल्क का फैसला पूर्व में लिया गया है. पानी के लिए त्राहिमाम कर रही जनता को परमिशन के लिए नगर निगम का चक्कर लगाना पड़ रहा है.
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आदित्यपुर नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष पुरेंद्र नारायण सिंह ने नगर निगम बोर्ड से 26 मार्च को आहूत बोर्ड की 11वीं बैठक में जनहित के विरुद्ध लिए गए बोरिंग शुल्क के फैसले को सर्वसम्मति से वापस लिए जाने का प्रस्ताव पारित किए जाने की मांग की है. साथ ही उन्होंने जल संकट वाले वार्ड/ क्षेत्रों में समान रूप से टैंकर द्वारा जलापूर्ति किए जाने की मांग की है. साथ ही टैंकर से हो रही जलापूर्ति के स्थान और समय की सूची सार्वजनिक किए जाने की भी मांग की है. इसके अलावे आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी वार्डों में दो-दो एचवायडीटी या मिनी वाटर सप्लाई स्कीम पाइप लाइन के साथ स्थापित किए जाने की मांग की है. उन्होंने गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करने वाले लोगों को मांगलिक कार्य एवं अन्य प्रायोजन के लिए मुफ्त में टैंकर से जलापूर्ति किए जाने की मांग की है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, कि नगर निगम बोर्ड जल संकट से निपटने के लिए ठोस एवं प्रभावी कदम उठाए अन्यथा जनहित में वे जन सहयोग से जोरदार जन आंदोलन करेंगे.
बोरिंग शुल्क लेना बोर्ड का निर्णय
निगम क्षेत्र में बोरिंग के एवज में परमिशन और शुल्क के रूप में एक हजार रुपए लिए जाने के मुद्दे पर नगर निगम के अपर नगर आयुक्त गिरजा शंकर प्रसाद ने बताया कि यह निर्णय सर्वसम्मति से बोर्ड से पारित है उन्होंने बताया कि अप्रत्याशित बोरिंग रोकने के उद्देश्य से बोर्ड द्वारा भी यह निर्णय लिया गया है.