दुमका प्रियव्रत झा
सामाजिक न्याय के मसीहा के रूप में विख्यात स्वर्गीय राजा नुनू मांझी की 40वीं पुण्यतिथि जरमुंडी प्रखंड के डूबा गांव में धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर राजा नुनू माँझी की प्रतिमा पर जरमुंडी के पूर्व विधायक देवेंद्र कुँवर, झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव विजय सिंह, जिला परिषद सदस्य चंद्रशेखर यादव एवं अन्य गणमान्य लोगों द्वारा माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। जिला परिषद सदस्य चंद्रशेखर यादव ने स्वर्गीय राजा को याद करते हुए बताया कि राजा नुनू मांझी एक न्याय प्रिय व्यक्ति थे और स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। वही स्वर्गीय नुनू मांझी के वंशजों ने बताया कि नुनू माँझी कोई रियासत के राजा नहीं थे अपितु वे गरीब एवं असहाय लोगों की मदद करने के लिए हर समय सक्रिय रहते थे। जिसके कारण उन्हें राजा का दर्जा प्राप्त था। राजा नुनू मांझी को लेकर इलाके में एक कहावत प्रसिद्ध है “ढोल न ढाक अंग्रेजी बाजा, राज न पाट नुनू मांझी राजा”। अंग्रेजी हुकूमत भी राजा नुनू मांझी के विचारों का सम्मान किया करते थे जिसके कारण बिना राजपाट के लोग उन्हें राजा की संज्ञा दी थी।
गौरतलब है कि जरमुंडी विधायक सह झारखंड सरकार के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख की पहल पर कुछ दिनों पूर्व झारखंड विधानसभा भवन में स्वर्गीय नुनू मांझी का तैलीय चित्र लगाया गया है। सरकार के इस फैसले से स्थानीय लोगों में काफी हर्ष है।