गिरिडीह
माननीय झालसा, रांची के निर्देशानुसार दिनांक *8 मार्च 2021 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस* के शुभ अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह की ओर से नगर भवन गिरिडीह में महिलाओं के बीच महिला सशक्तिकरण विषयों के ऊपर विधिक जागरूकता सह साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष महोदय जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह, श्रीमती बीना मिश्रा, सचिव महोदय जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह श्री संदीप कुमार बर्तम एवं गिरिडीह में मंडल में पदस्थापित नवनियुक्त महिला प्रशिक्षु न्यायिक दंडाधिकारी उपस्थित हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष महोदया, जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह, श्रीमती बीना मिश्रा ने सभी महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में पूरी दुनिया में महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं। महिलाएं जिन जिन क्षेत्रों में कार्य कर रही हैं वहां नित नई ऊंचाइयों को छू कर अपनी कर्मठता तथा नेतृत्व क्षमता से एक अलग पहचान भी स्थापित कर रही हैं। उन्होंने महिलाओं को शिक्षा के ऊपर विशेष जोर देने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति अथवा समाज को आगे बढ़ने के लिए एकमात्र रास्ता शिक्षा ही है। शिक्षा के माध्यम से कोई भी महिला अथवा व्यक्ति किसी भी मुकाम को हासिल कर सकता है। उन्होंने महिला अधिकारों के ऊपर चर्चा करते हुए कहा कि हमारे भारतीय संविधान में भी महिलाओं को संरक्षण एवं गरिमा पूर्ण जीवन जीने के लिए कई अधिकार प्रदान किए गए हैं। महिलाएं जागरूक एवं शिक्षित होकर के अपने घर-परिवार एवं समाज में कार्य करें तो एक अपनी अलग पहचान स्थापित कर पूरी दुनिया को एक दिशा दे सकती हैं। उन्होंने महिलाओं को अंधविश्वास, रूढ़िवादिता तथा अशिक्षा से दूर रहने का सलाह देते हुए कहा कि आए दिन समाज में महिलाएं दहेज के नाम पर डायन-भूत के नाम पर एवं अन्य लैंगिक अपराधों के माध्यम से प्रताड़ित होती हैं। इन प्रताड़नाओं से बचने के लिए कई कानून सरकार के द्वारा बनाए गए हैं जो महिलाओं को सुरक्षा एवं संरक्षण प्रदान करते हैं। उन्होंने सभी उपस्थित महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति सजग होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने का संदेश दिया। कोई भी महिला यदि किसी भी प्रकार से अपने घर समुदाय तथा समाज में प्रताड़ित हो रही हैं तो वह नि:संकोच अपनी आवाज को बुलंद कर जिला विधिक सेवा प्राधिकार में संपर्क करें वहां उन्हें निःशुल्क एवं त्वरित न्याय प्रदान किया जाएगा। साथ ही उसके गरिमा पूर्ण जीवन जीने के अधिकार की रक्षा करने में भी सहायता प्रदान किया जाएगा। उन्होंने महिलाओं से दहेज प्रथा, बाल विवाह अशिक्षा, भ्रूण हत्या एवं डायन-भूत इत्यादि अंधविश्वासी एवं रूढ़ीवादी परंपराओं को त्यागने हेतु आगे बढ़कर कार्य करने का संदेश दिया।
कार्यक्रम को सचिव महोदय जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गिरिडीह श्री संदीप कुमार बर्तम ने भी संबोधित करते हुए उपस्थित सभी महिलाओं को यह आश्वस्त किया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गिरिडीह के द्वारा महिलाओं के संरक्षण एवं सुरक्षा हेतु विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम चलाए जाते हैं। कोई भी महिला यदि किसी भी रूप में प्रताड़ित महसूस कर रही हैं तो निसंकोच जिला विधिक सेवा प्राधिकार में आवेदन दे सकती हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकार उसे निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करने के लिए सदैव कृत संकल्पित है। उन्होंने जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न प्रकार के योजनाओं तथा माननीय झालसा, रांची के द्वारा महिलाओं के लिए लांच किए गए विभिन्न प्रकार के प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार पूर्वक बतलाया। कार्यक्रम में गिरिडीह न्याय मंडल में प्रतिनियुक्त महिला न्यायिक प्रशिक्षु पदाधिकारीगण, मध्यस्थ अधिवक्ता श्रीमती उर्मिला शर्मा, श्रीमती रेनू वर्मा सहित महिला पारा लीगल वालंटियर्स श्रीमती शालिनी प्रिया, श्रीमती रंजना सिन्हा, श्रीमती जीलानी बानो, पीएलबी श्री दिलीप कुमार, श्री अशोक कुमार वर्मा तथा वरीय महिला समाजसेवी श्रीमती पूनम बरनवाल सहित सैकड़ों की संख्या में महिलाएं उपस्थित थी। इस कार्यक्रम में समाजसेवी पूनम वर्णवाल के सहयोग से माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष महोदया, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गिरिडीह के कर कमलों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिला समाजसेवियों को प्रशस्ति पत्र तथा उपहार प्रदान किया गया।
गिरिडीह से डिम्पल की रिपोर्ट