पटना. बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद नीतीश कुमार ने जब से सत्ता संभाली है, तब से शराब बंदी कानून को लेकर उनका रवैया पहले से भी काफी सख्त रहा है. चाहे पुलिस महकमा हो या मद्य निषेध विभाग नीतीश कुमार ने अपनी बैठकों में शराब माफियाओ के नेटवर्क को ध्वस्त करने के साथ ही शराबबंदी कानून को प्रभावी ढंग से लागू करने का निर्देश दिया है. इसका असर ये हुआ कि पटना पुलिस ने जिस शराब गोडाउन में दो करोड़ की अवैध शराब पकड़ी थी, अब वहां पर पुलिस थाना खोल दिया है.
नीतीश कुमार ने हर स्तर पर अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया है कि बिहार में शराबबंदी कानून हर हाल में लागू रहेगा. चाहे इसके परिणाम जो कुछ भी सामने आए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर ही दागी अधिकारियों पर कार्रवाई हुई. मुख्यमंत्री की बैठकों का असर यह हुआ कि हाल ही में मद्य निषेध विभाग ने बिहार में शराब की अब तक की सबसे बड़ी खेप पटना में पकड़ी. मद्य निषेध विभाग की टीम ने पटना के बाईपास थाना में छापेमारी कर एक गोडाउन से करीब दो करोड़ रुपए की शराब पकड़ी. बिहार में पकड़ी गई यह अब तक की सबसे बड़ी शराब की खेप थी.
मद्य निषेध विभाग में करीब एक पखवाड़े पहले पकड़ी गई दो करोड़ की शराब को तो नष्ट कर दिया. लेकिन गोडाउन का क्या किया जाए. इस पर माथापच्ची के बाद बिहार पुलिस ने थाना खोलने का निर्णय लिया. लंबे अरसे से एक अच्छे भवन की तलाश में जुटे बाईपास थाना को गोडाउन के रूप में एक अच्छी बिल्डिंग मिल गई. और लगे हाथ शराब के गोडाउन को बाईपास थाना का शक्ल दे दिया गया.
संभवतः बिहार का यह सबसे पहला थाना है, जो शराब के गोडाउन में खोला गया है. पहले बाईपास थाना के पुलिस कर्मियों को तमाम मुसीबतों का सामना करना पड़ता था. बाईपास थाना के पुलिस कर्मियों ने बताया कि उन्हें पहले मंदिर में आश्रय लेनी पड़ती थी. लेकिन शराब के नए गोडाउन के रूप में उन्हें एक अच्छा बैरक भी मिल गया है. बहरहाल , बिहार पुलिस के इस एक्शन से शराब माफियाओं को गहरा झटका लगा है.