गिरिडीह
बीमा कर्मचारी संघ के कार्यकारिणी समिति की बैठक साहू समाज भवन , हुट्टी बाजार, गिरिडीह में आहूत की गई।इस बैठक की अध्यक्षता मंडलीय अध्यक्ष कां0 लक्ष्मी नारायण गुप्ता ने किया।बैठक में धनबाद, बोकारो, हजारीबाग, कोडरमा, रामगढ़ और गिरिडीह जिले के भारतीय जीवन बीमा निगम के 18 शाखाओं से 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
सर्वप्रथम बैठक में दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए 1 मिनट का मौन धारण किया गया है। बैठक को संबोधित करते हुए संघ के महासचिव महेंद्र किशोर प्रसाद ने कहा कि वर्तमान सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम सहित तमाम सार्वजनिक प्रतिष्ठानों को बेच रही है।इस वर्ष के बजट में एलआईसी एक्ट में परिवर्तन कर निगम का आईपीओ लाने का प्रावधान किया गया। मालूम हो कि एलआईसी 1956 में 5 करोड़ की पूंजी से प्रारंभ होकर 32 लाख करोड़ से अधिक की परिसंपत्ति अर्जित कर लिया। इतना ही नहीं एलआईसी देश के आधारभूत संरचना के विकास में अपना अहम योगदान दे रही हैं।एलआईसी 1956 से लेकर अभी तक 29 हजार करोड़ रु लाभांश के रूप में सरकार को दे चुकी है।
2019 -20 में 2698 करोड़ रुपया सरकार को तथा पॉलिसी धारकों के बीच बोनस के रूप में ₹52000 करोड़ दिया है। निगम 13वीं पंचवर्षीय योजना (2017- 2022) में अभी तक 28 लाख करोड़ रु का योगदान दिया है। इसने राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण को 125000 करोड़ रु का योगदान दिया। ऐसे में एलआईसी जैसे उत्कृष्ट संस्था का निजीकरण करने का पहल देश के लिए घातक है।
बैठक को संबोधित करते हुए संयुक्त सचिव हेमंत मिश्रा ने कहा कि इस बजट में प्रावधान किया गया है कि बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49% से 74% किया जाएगा।मालूम हो कि जब एफडीआई की सीमा 49% था उस समय भी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मात्र 35% ही आया। ऐसे में इस सीमा में बढ़ोतरी करना हास्यास्पद है। संयुक्त सचिव सुमित कुमार सिन्हा ने कहा कि सरकार कारपोरेट के ईशारे पर काम कर रही है तथा सभी आर्थिक नीतियां उन्हीं के अनुसार बन रही है। संयुक्त सचिव नीरज कुमार ने कहा कि एलआईसी पर आम जनता का अटूट विश्वास है। इसलिए हमें अच्छा ग्राहक सेवा प्रदान करना है, ताकि हमारा निगम बीमा क्षेत्र में लीडर बना रहे। हमें अपने संगठन को अधिक मजबूत करना है, ताकि सरकार के निजीकरण की नीति को परास्त कर सके। संयुक्त सचिव धर्म प्रकाश ने कहा कि केंद्र सरकार लोगों को कॉन्फिडेंस देने की जगह कंफ्यूज कर रहे हैं ।उनका एक ही नीति है कि किस प्रकार पूरे देश को कारपोरेट के हाथों में दे दिया जाय।संगठन सचिव जे सी मित्तल ने कहा कि एलआईसी एक मजबूत और सुदॄढ वित्तीय संस्थान है, जिसे अतिरिक्त पूंजी की आवश्यकता नहीं है। इतना ही नहीं एलआईसी देश के कई सार्वजनिक और निजी प्रतिष्ठानों में निवेश कर रखा हैं। ऐसे में एलआईसी का आईपीओ लाना देश के लिए घातक है। संघ के संस्थापक महासचिव जेपी सिंह ने कहा कि देश में ट्रेड यूनियनों की भूमिका अहम हो गई है। केंद्र सरकार की नीतियां आम जनों, किसानों, नौजवानों के खिलाफ है, ऐसे में इन नीतियों के खिलाफ आम जनों के साथ मिलकर विरोध करना होगा।
बैठक को इनके अलावे मदन कुमार पाठक ,सुशील कुमार सिंह, महावीर यादव ,अलगू प्रसाद ,जेपी मुंडा सहित कई लोगों ने संबोधित किया।
गिरिडीह से डिम्पल की रिपोर्ट