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सरेंडर करने के चार साल बाद जमानत पर रिहा होकर गुड़ाबांदा पहुंचा पूर्व नक्सली शंकर मुंडा, कहा- सुकून की दो रोटी खाकर बिताएंगे बाकी जिंदगी

घाटशिला:-

वर्ष 2017 में हार्डकोर नक्सली जियान निवासी कान्हू मुंडा के साथ सरेंडर करनेवाले शंकर मुंडा जमानत पर रिहा होकर अपने घर जियान पहुंच गया है । शंकर को घर पहुंचते ही गुड़ाबांदा थाना प्रभारी प्रभात कुमार ने उसके घर पहुंच कर शंकर को शांतिपूर्ण जिन्दगी जीने की नसीहत दी। शंकर मुंडा ने गुडाबादा थाना प्रभारी प्रभात कुमार से

कहा कि सुकून की दो रोटी खाएंगे, पर वापस नक्सल की ओर नहीं जाएंगे। नई जिंदगी की शुरुआत करनी पड़ेगी। घर आने पर परिजनों ने उसका स्वाग्त भी किया।

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जानकारी हो कि गुड़ाबांदा लाल आतंक का गढ़ माना जाता था । यहां दो दशक तक नक्सलियों का आतंक रहा था। वर्ष 2017 में कुछ केंद्र सरकार की नीति व सरेंडर पॉलिसी के कारण नक्सलियों ने सरेंडर किया था ।

वर्ष 2016 में गुड़ाबांदा दस्ते के नक्सली सुपाई टुडू को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था। पुलिसिया दबिश बढ़ने के बाद नक्सलियों ने 2017 के फरवरी माह में यहां के करीब सात नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया था। साथ में शंकर मुंडा ने भी सरेंडर किया था। घर वापसी के दौरान थाना प्रभारी से गुहार लगाई कि पेट के लिए रोजगार जरूरी है। थाना प्रभारी ने शंकर मुंडा को आश्वासन दिया कि रोजगार किस तरह मुहैया कराई जाए, इस पर ध्यान दिया जाएगा। जानकारी हो कि शंकर के परिवार में माता-पिता, बेटा व एक भाई की विधवा भी है। शंकर मुंडा मुख्य तौर पर जियान निवासी है।

घाटशिला कमलेश सिंह

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