Tue. Oct 22nd, 2024

कब्र से निकलकर थाने पहुंची नाबालिग, सवाल उठना तो लाजिमी है

भागलपुर, । दोपहर के 12 बजे थे। रंगरा ओपी में पुलिसवाले अपनी-अपनी ड्यूटी में जुटे थे। तभी, एक नाबालिग लड़की उनके बीच आकर खड़ी हो गई। नजर पड़ते ही पुलिसवाले कुर्सी छोड़कर उठ खड़े हुए। सभी के माथे पर कपकपाती ठंड में भी पीसना छलक गया। यह देख पहले से थाने आए कई फरियादी हैरत में पड़ गए। माजरा क्या है। साधारण कपड़े पहनी यह लड़की आखिर है कौन, जिसे देख पुलिस की नींद उड़ गई। तभी एक पुलिसकर्मी बोल पड़ा, तुम जिंदा हो। नहीं, कब्र से निकलकर आ रही हूं। लड़की ने भी पलटकर वही जबाव दे दिया, जिसकी आशंका से सभी पुलिसकर्मी हतप्रभ थे। हम बात कर रहे हैं ओपी क्षेत्र की ही एक 16 वर्षीय लड़की की।

एक साल पहले घरवालों ने उसकी हत्या की आशंका जताते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे के पांचवें दिन एक अज्ञात युवती की सिरकटी लाश मिली थी, जिसकी शिनाख्त पुलिस और घरवालों ने उक्त लड़की के रूप में करते हुए यह मान लिया था कि नाबालिग की हत्या कर दी गई। शनिवार को वह सबके सामने खड़ी थी। हत्याकांड में एक आरोपित जेल में भी बंद है। लड़की एक साल से पटना में मानव तस्करों के चंगुल में फंसी थी, जहां से भागकर शनिवार को नवगछिया पहुंची।

पुलिस ने डीएनए टेस्ट कराने का किया था दावा, घरवालों ने पुत्री का शव मान कर दिया अंतिम संस्कार

नाबालिग की मां ने रंगरा ओपी में बेटी को अगवा कर मार डालने की आशंका जताते हुए केस दर्ज कराया था। इसके पांच दिन बाद 27 नवंबर को ओपी क्षेत्र के उसरेहिया धार से एक अज्ञात युवती की सिरकटी लाश मिली, जिसकी शिनाख्त उक्त नाबालिग लड़की के रूप में कर पुलिस ने शव घरवालों को सौंप दिया। तब पुलिस ने यह भी दावा किया था डीएनए टेस्ट के बाद शव सौंपा गया है। स्वजन ने भी अपनी पुत्री का शव मानकर अंतिम संस्कार कर दिया। इस अपहरण और हत्याकांड में गांव के ही संतोष कुमार को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया। उसके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल किया जा चुका है। संतोष पर शादी की नीयत से लड़की को बहला-फुसलाकर अपहरण और फिर हत्या करने का आरोप था। लड़की घर से भागते वक्त नकदी और 50 हजार के जेवरात भी साथ ले गई थी।

एक साल तक इस हाथ से उस हाथ बिकती रही नाबालिग

लड़की ने जब थाने में बोलना शुरू किया तो उसके जुल्म की दास्तां सुनकर पुलिसवालों के भी रोंगटे खड़े हो गए। उसने बताया कि एक साल तक वह कभी इस हाथ तो कभी उस हाथ मानव तस्करों के हाथों बिकती और लूटती रही। बच्ची होने की दुहाई देकर रहम की भीख मांगती रही। सबसे बड़ा गुनाहगार संतोष कुमार है। शादी के बहाने मुझे अपने साथ ले गया। अपने साथ मैं जो नकदी और जेवरात लाई थी उसे संतोष ने जबरन ले लिया। कुछ दिनों बाद मुझे पटना के जफराबाद निवासी सुबोध कुमार के पास बेच दिया। सुबोध और संतोष में पहले से जान पहचान थी। सुबोध की शादी हमारे गांव में ही हुई है। कुछ दिनों तक अपने पास रखने के बाद सुबोध ने मुझे पटना के खिदिरपुर निवासी अधेर बच्चु के पास बेच दिया। वह मेरे साथ बराबर मारपीट करता था। घर का सारा काम करवाता था। खाना भी ठीक से नहीं देता था। उसके भाई ने भी पांच शादी की है। चार लड़की को दूसरे के हाथों बेच चुका है। किसी तरह वहां से भाग कर पटना स्टेशन पहुंची। ट्रेन पकड़कर नवगछिया स्टेशन से घर आ गई।

सवाल जो उठना लाजिमी है

नाबालिग के सामने आने के बाद अब यह सवाल उठना लाजिमी हो गया है कि 27 नवंबर को उसरेहिया धार से मिली उक्त सिरकटी लाश किस युवती की थी। शव की शिनाख्त में इतनी बड़ी चूक कैसे हुई। पुलिस ने तो यह दावा किया था कि डीएनए टेस्ट के बाद शव सौंपा गया था। अनुसंधान में भी पुलिस सच का पता नहीं लगा सकी और आनन-फानन आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया। एक साल में मानव तस्करी के उस रैकेट का भी पर्दाफाश नहीं कर सकी, जो नाबालिग के गांव से ही संचालित हो रहा था।

नवगछिया न्यायालय में लड़की का बयान करवाया गया है। अनुमंडल अस्पताल में मेडिकल जांच के बाद भागलपुर अस्पताल भेज दिया गया है। इस अपहरण और हत्याकांड में अनुसंधानकर्ता ने चार्जशीट रिपोर्ट कोर्ट में सौंप दी है। किंतु अभी पूरक अनुसंधान जारी है। – महताब खां, रंगरा ओपी प्रभारी

Related Post