जमशेदपुर। मारवाड़ी युवा मंच स्टील सिटी सुरभि शाखा द्वारा गुरूवार को तुलसी विवाह के शुभ अवसर पर आर्थिक रूप से कमजोर 11 बेटियों का सामूहिक विवाह कराया गया। साकची काषीडीह स्थित डीएसएम स्कूल आॅफ एक्सीलेंस परिसर में वृदांवन से पधारें कथावाचक आचार्य राजेन्द्र महाराज के सानिध्य में 11 जोड़ों ने सात जन्मों के बंधन में बंधने के लिए फेरे लिए। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मोटर साइकिल पर बारात निकली गयी।
इस दौरान मुख्य कार्यक्रम में मंच पर बतौर अतिथि आचार्य राजेन्द्र महाराज, विधायक मंगल कालिंदी, वरिष्ठ भाजपा नेता अभय सिंह, सुरभि शाखा अध्यक्ष मनीषा संघी, सचिव उषा चैधरी, कार्यक्रम संयोजिका स्नेहा अग्रवाल, समाजसेवी अशोक भालोटिया, गोविंद मेवाड़, राजकुमार चंदूका, दिनेश अग्रवाल, नंद किशोर अग्रवाल मौजूद थे। सभी अतिथियों को शाॅल एवं तुलसी का पौधा देकर सम्मानित किया गया। मंच का सफल संचालन कार्यक्रम सह संयोजिका बबली शाह एवं मुस्कान अग्रवाल तथा मीडिया प्रभारी कविता अग्रवाल ने संयुक्त रूप से किया।
मंच से सभी अतिथियों ने अपने-अपने विचार व्यक्त करते हुए मारवाड़ी युवा मंच स्टील सिटी सुरभि शाखा की अध्यक्ष मनीषा संघी समेत पूरी टीम के द्धारा समाज हित में किये जा रहे कार्यो की प्रशांसा करते हुए रह संभव सहयोग का आश्वासन सभी अतिथियों ने दिया। आचार्य राजेन्द्र महाराज ने कहा कि महामारी कोविड-19 के दौरान शाखा अध्यक्ष मनीषा संघी के नेतृत्व में पिछले 8 माह में महिलाओं की टीम ने अपनी जान की परवाह न करते हुए तमाम जोखिमों के बीच मुस्तैदी से मानव सेवा में लगी रही, इसकी जितनी भी प्रशांसा की जाये कम हैं।
इन कार्यक्रमों में वर-वधू के साथ ही उनके परिजनों ने भी हिस्सेदारी की। समारोह को भव्यतापूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए सुरभि शाखा की टीम द्धारा पहले से ही आवश्यक तैयारियां पूरी की गई थीं। विवाह के बाद सभी नव दंपतियों को गृहस्थ के लिए आवश्यक सामग्री उपहार स्वरूप भेंट किया गया। मौके पर प्रमुख रूप से समाजसेवी तेजी सिंह, जिला अग्रवाल सम्मेलन के अध्यक्ष संतोष अग्रवाल, जिला मारवाड़ी सम्मेलन के महामंत्री अशोक मोदी, मारवाड़ी सम्मेलन साकची शाखा अध्यक्ष ओमप्रकाश रिंगसिया, प्रांतीय संयोजक अरुण गुप्ता, मारवाड़ी युवा मंच स्टील सिटी के अध्यक्ष विष्णु गोयल, महासचिव प्रशांत अग्रवाल, मारवाड़ी महिला मंच की जिलाध्यक्ष सीमा जवानपुरिया, महासचिव रानी अग्रवाल, मंजू खंडेलवाल समेत कई गणमान्य लोगों ने भी पहुंचकर नव दंपतियों को आशीर्वाद प्रदान कर मंगलमय जीवन की कामना की। सभी ने लजीज व्यंजन का आनंद भी लिया। इस दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सरकार की गाइडलाइन का पूरा पालन किया गया। सुरभि शाखा की सभी महिलाएं डेªस कोर्ड में थी।
इनका रहा तन मन धन से सहयोगः- दिलीप सिंह, अभय सिंह, राजकुमार चंदूका, दिनेश अग्रवाल (अध्यक्ष राजस्थान युवा संघ आदित्यपुर), अशोक भालोटिया, आलोक चैधरी, रामअवतार अग्रवाल, संतोष खेतान, केदारनाथ जैसुका, दिलीप गोयल, नंदू रुंगटा (चाईबासा) ,डॉ आर के अग्रवाल, श्यामसुंदर रिंगासिया, रमेश अग्रवाल, प्रदीप अग्रवाल (जादूगोड़ा), ओमप्रकाश रिंगासिया, गोपाल सिंह, सुभाष शाह, अशोक गुप्ता, बालमुकुंद गोयल, सुशील बंसल, बलराम अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, बिमलेश चैधरी, अंकिता सिन्हा, शारदा देवी (कोडरमा), निकिता अरुण अग्रवाल (कोलकाता), ममता मुरारका समेत शाखा की सभी सदस्यों का तन मन धन से पूरा सहयोग रहा। इस कार्यक्रम में सहयोग करने वाले सभी गणमान्य लोगों को मंच से अतिथियों के कर कमलों द्धारा मोंमेंटो दिलाकर सम्मानित किया गया।
परिणय सूत्र में बंधे 11 जोडे़ः- (1) राजु संग सुशांती, सरोज- दिलीप सिंह ने किया कन्या दान। (2) हेमंत पात्रा संग कंचन पात्रा, सुशीला-राधेश्याम अग्रवाल ने किया कन्या दान। (3) सन्नी सांडिल संग रमिया, रूपा- अमित कुमार बंसल ने किया कन्या दान। (4) धनजंय राजार संग आराती राजार, स्नेहा-बजरंग लाल सेडुका ने किया कन्या दान। (5) विकास करूवा संग प्रमिला, सरोज- सांवरमल अग्रवाल ने किया कन्या दान। (6) राहुल नाग संग काजल, रजनी- बिमलेश चैधरी ने किया कन्या दान। (7) प्रकाश दीप संग लता कुमारी, शारदा देवी ने किया कन्या दान। (8) रमेश लोहार संग लक्षमी कालिंदी, निर्तिका- अरूण अग्रवाल ने किया कन्या दान। (9) योगश कुमार संग काजल कुमारी, स्नेहा-संगम अग्रवाल ने किया कन्या दान। (10) धीरज मुखी संग पूजा मुखी, निधि-दीपक पटवारी ने किया कन्या दान। (11) राकेश दास संग सुनीता, ज्योति-उमेश अग्रवाल ने किया कन्या दान।
कृष्ण-रुक्मणी विवाह में शामिल हाने पर समाप्त हो जाती हैं वैवाहिक समस्या – राजेन्द्र महाराज
विवाह के बाद व्यासपीठ से कथावाचक आचार्य राजेन्द्र महाराज ने श्री रुक्मणी विवाह महोत्सव प्रसंग पर प्रवचन देते हुए कहा कि जनमानस में ज्ञान, बुद्धि एवं प्रेम के साक्षत रूप हैं श्री कृष्ण। भगवान संसार जगत में अनेकों लीलाएं करने के लिए अवतरित हुए हैं। कंस (अभिमान) का स्वरूप को भगवान ने अभिमान को नष्ट किया। भगवान श्री कृष्ण महाभारत जैसे विशाल युद्ध को कराकर धर्म की स्थापना करते हैं। महाराज ने आगे कहा कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है। साथ ही कहा कि रुक्मणी विवाह प्रसंग को श्रद्धा के साथ श्रवण करने से कन्याओं को अच्छे घर और वर की प्राप्ति होती है और दांपत्य जीवन सुखद रहता है। कथा वाचक ने कहा कि जीव परमात्मा का अंश है, इसलिए जीव के अंदर अपारशक्ति रहती है यदि कोई कमी रहती है, वह मात्र संकल्प की होती है। संकल्प व कपट रहित होने से प्रभु उसे निश्चित रूप से पूरा करेंगे। रुक्मणी विवाह महोत्सव प्रसंग पर व्याख्यान करते हुए उन्होंने कहा कि रुक्मणी के भाई रुक्मणि ने उनका विवाह शिशुपाल के साथ सुनिश्चित किया था, लेकिन रुक्मणी ने संकल्प लिया था कि वह शिशुपाल को नहीं केवल गोपाल को पति के रूप में वरण करेंगे। उन्होंने कहा शिशुपाल असत्य मार्गी है। द्वारिकाधीश भगवान श्री कृष्ण सत्य मार्गी है। इसलिए वो असत्य को नहीं सत्य को अपनाएगी। अंत भगवान श्रीद्वारकाधीशजी ने रुक्मणी के सत्य संकल्प को पूर्ण किया। उन्हें पद्यी के रूप में वरण करके प्रधान पटरानी का स्थान दिया। इस दौरान कलाकारों ने रूकमणी विवाह की सुंदर झांकी प्रस्तुत की।