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बीएनएमएच ने महिला के मस्तिष्क से निकाला बड़े आलू के आकार का ट्यूमर

जमशेदपुर। पूर्वी सिंहभूम जिला के गालुडीह निवासी नमिता रजक (45 वर्षीय) के मस्तिष्क के दाहिने हिस्से में आलू के आकार का एक बड़ा ब्रेन ट्यूमर था, जिसका सफल इलाज ब्रह्मानंद नारायणा मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल, जमशेदपुर (बीएनएमएच) में हुआ। बीएनएमएच के डा. राजीव महर्षि (कंसलटेन्ट-न्यूरोसर्जरी) की देखरेख में हुई सर्जरी में 4 घंटे लगे और ट्यूमर पूरी तरह से बाहर निकाला गया। आॅपरेषन के बाद नमिता रजक ठीक हो गई और उनका बदला हुआ व्यवहार सामान्य हो गया। इससे पहले नमिता रजक पिछल साल से मस्तिष्क संबंधी समस्याओ के कारण उनका बदला हुआ व्यवहार, चिड़चिड़ापन, कभी-कभी सिरदद आदि से ग्रसित थी। उन्होनें अपने समस्या से निजात पाने के लिए मनोचिकित्सक सहित कई स्थानीय डाॅक्टरों द्वारा इलाज कराया। लेकिन उन्हें इन लक्षणों से छुटकारा नही मिला। फिर उन्होने बीएनएमएच के न्यूरोसर्जरी ओपीडी में दिखाया तो वहाँ डा. राजीव महर्षि (कंसलटेन्ट-न्यूरोसर्जरी) द्वारा ब्रेन की एमआरआई की सलाह दी गई। एमआरआई करवाने पर उनके मस्तिष्क के दाहिने हिस्से में आलू के आकार का एक बड़ा ट्यूमर पाया गया जो संभावित रुप से मेनिंजियोमा था। मूल रुप से सभी आवष्यक जाँच के बाद सर्जरी की योजना बनाई। अनुभवी न्यूरोसर्जन डा. महर्षि द्वारा परम्परागत क्रेंनियोटाॅमी की गई और ट्यूमर को रक्तस्त्राव की चुनौतियों के बावजूद निकाला गया। संपूर्ण प्रक्रिया के बारे में बोलते हुए डा. आर एम ने कहा कि में निंजियोमा पूर्ण रुप से वियोज्य ट्यूमर है। प्रारंभिक निदान एवं उपचार इस तरह के ट्यूमर के लिए मील का पत्थर है। डा. महर्षि के अनुसार ज्यादातर ट्यूमर का इलाज संभव है। पर बड़े ट्यूमर जोखिम का कारण बन सकते हैं क्योकि वे मस्तिष्क पर दबाव डालना जारी रखते हैं जिसमें आपातकालीन स्थिति पैदा हो जाता है।

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