सरायकेला : केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि विधेयक से स्वतंत्र किसान सशक्त किसान नीति को गति प्रदान होगी , किसान भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इनके बिना बेहतर अर्थव्यवस्था की कल्पना ही नहीं की जा सकती , यह बातें पूर्व भाजपा प्रदेश मंत्री सिमडेगा के प्रभारी शैलेंद्र सिंह ने आदित्यपुर में प्रेस वार्ता के दौरान कही।[embedyt] https://www.youtube.com/watch?v=Tk3X1SXioHA[/embedyt]
सिमडेगा जिला के प्रभारी शैलेंद्र सिंह ने कृषि विधेयक का विरोध कर रहे विपक्षी दलों को आड़े हाथों लेते हुए चोर मचाए शोर वाली कहावत विपक्ष द्वारा चरितार्थ करने की बात कही , शैलेंद्र सिंह ने ने बताया कि सरकार की मंशा है कि किसान स्वतंत्र होगा सशक्त होगा तभी देश मजबूत होगा ,इसी सोच के साथ कृषि सुधार बिल लाया गया है , इन्होंने बताया कि रिपोर्ट के मुताबिक देश के केवल 6% किसानों को ही न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ मिलता है, बाकी 94 प्रतिशत किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ नहीं ले पाते और बाजार पर निर्भर होते हैं, इस परिस्थिति में कृषि विधेयक बिल इन किसानों के लिए मददगार साबित होगा।
70 के दशक में बना एपीएमसी एक्ट ने किया किसानों का शोषण
शैलेंद्र सिंह ने बताया कि 1970 के दशक में सरकार ने एपीएमसी एक्ट के नाम से कानून बनाया था ,जिसमें यह प्रावधान तय था कि किसान फसल को केवल सरकार द्वारा तय स्थान पर बेच सकता है और इस कानून के तहत सरकारी मंडी के बाहर किसान अपना फसल नहीं भेज सकते थे, ऐसे में दलाली प्रथा को बढ़ावा दिया गया था, वही एपीएमसी एक्ट ने किसानों का सबसे अधिक शोषण किया है, इस मौके पर जिला उपाध्यक्ष राकेश सिंह जिला महामंत्री मनोज तिवारी मौजूद रहे.