देवघर: झारखंड
साइबर पुलिस डाल-डाल, तो साइबर क्रिमिनल पात-पात. साइबर क्राइम को रोकने के लिए जैसे-जैसे पुलिस खुद को तैयार करती है, झारखंड के साइबर क्रिमिनल्स उनसे दो कदम आगे बढ़कर लोगों के बैंक अकाउंट खाली करने के नये-नये तरीके खोज लेते हैं. सोमवार को देवघर जिला से गिरफ्तार किये गये 11 साइबर अपराधियों ने खुलासा किया है कि ये लोग मोबाइल नंबर के चार डिजिट से खाता खाली करने का पूरा खेल खेल रहे हैं.
देवघर के एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा ने सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके 11 साइबर क्रिमिनल्स की गिरफ्तारी की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इनके पास से 31 मोबाइल फोन, 49 सिम कार्ड, चार पासबुक, 11 एटीएम कार्ड, तीन बाइक और 64,800 रुपये नकद बरामद हुए हैं. लोगों को बरगला कर उनके खाता से पैसे उड़ाने का खेल खेलने वाले गिरोह के इन 11 लोगों को साइबर थाना की दो टीमों ने सोनारायठाढ़ी थाना क्षेत्र के दामाकुंडा , जरिया व जमुआ गांव में छापामारी कर गिरफ्तार किया है.
एसपी ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि इन क्षेत्रों में साइबर क्राइम से जुड़े लोग सक्रिय हैं. उन्होंने साइबर थाना को दो टीम बनाकर छापामारी की कार्रवाई करने का निर्देश दिया. साइबर थाना ने दो टीमें बनायीं. दोनों टीमों ने अलग-अलग छापामारी की. सोनारायठाढ़ी थाना क्षेत्र के दामाकुंडा, जरिया व जमुआ गांव से इन 11 साइबर क्रिमिनल्स को गिरफ्तार करने में साइबर टीम को सफलता मिली।गिरफ्तार साइबर आरोपितों में दामाकुंडा गांव निवासी विकास कुमार राणा, सौदागर राणा, विशाल राणा, गोवर्धन यादव, सुमित कुमार राणा, जमुआ गांव निवासी इरफान अंसारी, अनवर अंसारी, जरिया गांव निवासी श्रीराम यादव, बबलू मंडल, सरजू यादव व रोहित यादव शामिल हैं. इनके पास से 64,800 रुपये बरामद हुए हैं. साथ में 31 मोबाइल के अलावा 49 सिम कार्ड, 4 पासबुक, 11 एटीएम कार्ड, तीन बाइक भी इनके पास से जब्त किये गये हैं।
पूछताछ में इन आरोपितों ने बताया कि फर्जी बैंक अधिकारी बनकर ये लोग बैंक के खाताधारकों से केवाइसी (KYC) अपडेट कराने के नाम पर लोगों से अकाउंट संबंधी जानकारी लेने बाद ठगी करते थे. फोन-पे, पेटीएम में मनी रिक्वेस्ट भेजकर ओटीपी की जानकारी लेने के बाद ग्राहकों के बैंक खाता से पैसे उड़ा लेते हैं. इन्होंने बताया कि गूगल सर्च इंजन में विभिन्न वॉलेट व बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर अपना मोबाइल नंबर फिट करके भी लोगों से ठगी करते हैं.
एसपी ने बताया कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना के पैसे भेजने का झांसा देकर अकाउंट नंबर व ओटीपी लेकर ठगी करते हैं. टीम व्यूअर, क्विक स्पोर्ट जैसे रिमोट एक्सेस एप्प इंस्टॉल करवाकर गूगल पर मोबाइल नंबर के चार डिजिट सर्च करके खुद छह डिजिट का नंबर जोड़कर साइबर ठगी कर लेते हैं. एसपी ने कहा इन आरोपितों के आपराधिक इतिहास का पता कराया जा रहा है.
एक टीम का नेतृत्व डीएसपी मंगल सिंह जामुदा ने किया । पहले छापेमारी दल का नेतृत्व मुख्यालय डीएसपी मंगल सिंह जामुदा व साइबर थाने की इंस्पेक्टर संगीता कुमारी कर रहीं थीं. दूसरी टीम का नेतृत्व साइबर थाना के इंस्पेक्टर कलीम अंसारी व नगर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर डीएन आजाद कर रहे थे. इन लोगों के अलावा छापामारी दल में एसआइ अजय कुमार यादव, अविनाश गौतम, धनंजय कुमार सिंह, संगीता रजवार, पीएसआइ सुमन कुमार, शैलेश कुमार पांडेय, प्रेम प्रदीप कुमार, रुपेश कुमार, कपिलदेव यादव, कुमार गौरव, मो अफरोज, गौतम कुमार वर्मा, स्वरूप भंडारी, राजेश कुमार, पंकज कुमार निषाद, प्रेमसागर पंडित, पुलिसकर्मी मंगल टुडु, जयराम पंडित, विजय कुमार मंडल, सोमलाल मुर्मू, वरुण कुमार दरवे, इमानुएल मरांडी व अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे.