नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर आज हम आपको उनके पहली बार मुख्यमंत्री बनने से जुड़ा एक किस्सा बताने जा रहे हैं। यह उनके जीवन से जुड़ी बड़ी घटनाओं में से एक है। दरअसल, जब वह पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने तो उससे कुछ समय पहले तक उन्हें इस बात का अहसास ही नहीं था कि वह मुख्यमंत्री बनने वाले हैं। वह उस वक्त दिल्ली में पार्टी के लिए काम कर रहे थे और अचानक तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई ने उन्हें फोन किया।
अटल बिहारी वाजपेई ने जब उन्हें फोन किया तब वह एक सीनियर कैमरामैन गोपाल बिश्ट के दाह संस्कार में थे। स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की दुर्भाग्यपूर्ण हवाई दुर्घटना में उनके साथ मारे गए पत्रकारों में बिश्ट भी शामिल थे।
इन्हीं के दाह संस्कार में नरेंद्र मोदी शामिल होने आए थे। तभी उन्हें अटल बिहारी वाजपेई का फोन आया। अटल जी ने पूछा, ‘भई कहां हो?’
नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘मैं श्मशान में हूं।’ इस पर अटल जी ने कहा, ‘तुम श्मशान में हो, मैं तुमसे अब क्या बात करूं’ लेकिन अटल जी ने मोदी को अपने आवास पर मिलने के लिए शाम को बुलाया। शाम को नरेंद्र मोदी उनसे मिलने के लिए प्रधानमंत्री आवास पहुंचे, जहां अटल जी ने कहा, ‘दिल्ली ने तुम्हें बहुत मोटा बना दिया है! तुम्हें गुजरात वापस जाना चाहिए!’
इस संदेश को मोदी अच्छी तरह समझ गए, हालांकि वह इस निर्णय से आश्चर्यचकित थे। जो कभी विधायक भी न बना हो, उस पर पार्टी इतनी बड़ी जिम्मेदारी देने का भरोसा कर रही थी। लेकिन, जब प्रधानमंत्री खुद इस बात के लिए जोर दे रहे हों, तो कौन इनकार कर सकता था। इस पूरे घटनाक्रम के बारे में खुद नरेंद्र मोदी ने भी बताया है।
नरेंद्र मोदी खुद बताते हैं, ‘मैं कई वर्षों से गुजरात में नहीं था। मैंने पार्टी के अपने साथियों को फोन मिलाया और उनसे कहा- तुम मुझे बुला तो रहे हो, लेकिन मैं रहूंगा कहां, क्योंकि मेरे पास तो घर नहीं है। उन्होंने कहा कि आप चिंता मत कीजिए हम सर्किट हाउस में एक कमरा बुक करवा देंगे, तो मैंने उनसे कहा कि आप कमरा जरूर बुक करवाइए, लेकिन मैं कोई एमएलए नहीं हूं, इसलिए मैं उस कमरे का पूरा किराया दूंगा!’
इस तरह पार्टी नेता नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री मरेंद्र मोदी बन गए। यह उनके राजनीतिक करियर की बहुच बड़ी घटना था। यह साल 2001 की बात है, यहीं से मुख्यमंत्री के रूप में उनकी पारी शुरू हुई। वह राज्य की सबसे अधिक समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री बने और उन्होंने चार बार मुख्यमंत्री पद की शपथ की, जो एक रिकॉर्ड है।
सूत्रों के अनुसार