कानपुर:-एनकाउंटर में मारे गए कुख्यात अपराधी विकास दुबे के खास गुर्गे जय बाजपेई का साथ देने वाले आईपीएस अधिकारी समेत 16 पुलिसकर्मियों की सम्पत्तियों की जांच शुरू कर दी गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इन पर शिकंजा कसेगा। सम्पत्तियों के कागजात इकट्ठा किए जा रहे हैं। जरूरत पड़ने पर इन्हें बुलाकर भी पूछताछ होगी।
तीन दिन पूर्व जय के खिलाफ एडवोकेट सौरभ भदौरिया ने बयान दर्ज कराया था । साथ ही ब्रह्मनगर के कारोबारी की सम्पत्ति को लेकर ईडी को जानकारी भी दी थी कागजों के साथ। इस दौरान एडवोकेट ने एक अधिकारी समेत 16 पुलिसकर्मियों के नाम भी बताए थे। साथ ही उनकी सूची सौंपी। इन्हीं नामों की सूची के आधार पर ईडी ने पड़ताल शुरू की।
* परिवार की संपत्ति का भी होगा आकलन
सूत्र बताते हैं कि अधिकारी समेत बाकी पुलिस कर्मियों की नौकरी से पहले और बाद की स्थिति का आकलन किया जाएगा। नौकरी में आने से पहले उनके पास कितनी सम्पत्ति थी और बाद उसमें कितना इजाफा हुआ। साथ ही वर्तमान का पे स्केल, लोन आदि के बारे में भी जानकारी ली जाएगी। इसके अलावा यह भी पता लगाया जाएगा कि उनके परिवार के लोगों के नाम पर नौकरी में आने से पहले और उसके बाद कितनी सम्पत्ति थी। उसी के आधार पर रिपोर्ट तैयार होगी। उसके बाद पुलिस कर्मियों को बयान के लिए बुलाया जाएगा।
* विकास दुबे के भांजे और 50 हजार के इनामी ने कोर्ट में किया सरेंडर
बिकरू कांड के आरोपित विकास दुबे के भांजे और 50 हजार के इनामी शिव उर्फ आशुतोष त्रिपाठी ने शुक्रवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया। उस पर दो जुलाई को बिकरू गांव में आठ पुलिस वालों की हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप है। बिकरू में दो जुलाई की रात सीओ सहित आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के मामले में विकास दुबे के साथ ही उसके भांजे और बसेन गांव के प्रधान शिव उर्फ आशुतोष त्रिपाठी का भी नाम आया था। पुलिस को उसकी तलाश थी। विकास दुबे की दबंगई के बल पर ही वह गांव का प्रधान बना था और दो जुलाई की रात की वारदात में शामिल था। लंबे समय से फरार चल रहे शिव ने शुक्रवार की दोपहर स्पेशल जज एंटी डकैती की कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में लेने के साथ ही उसे जेल भेज दिया। दूसरी ओर पुलिस ने गुरुवार शाम बिकरू कांड में गिरफ्तार धीरू उर्फ धीरेन्द्र द्विवेदी और वीर सिंह यादव उर्फ नन्हू निवासी को कोर्ट में पेश किया। यहां से कोर्ट ने दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। एडीजीसी प्रशांत मिश्र के अनुसार एक आरोपित शिव ने सरेंडर किया है, जबकि अन्य दो आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया है।