*गुलगुला बाबा ने की थी भविष्य की आगाही*
धनबादःआज सुफी हजरत मुजफ्फर आलम उर्फ गुलगुला बाबा का सालाना उर्स मुबारक के मौके पर कुल शरीफ एवं मिलाद शरीफ का कार्यक्रम ऊपर कुली बालू बैंकर में किया गया.झरिया के ऊपर कुली चौक से चादरपोशी के लिए सैकड़ों की संख्या में चाहने वाले जुटे जिसके उपरांत चादरपोशी के लिए लोग कतारवद्ध तरीके से चादर लेकर बाबा के मजार बालू बैंकर स्थित पहुंचकर चादरपोशी की गई. कार्यक्रम में सूफी नौहोदा मुजफ्फर एवं मौलाना इसरार कादरी आलम फिरदौसी कुरानखानी पढ़ते हुए मजार की तरफ बढ़े.सूफी नौहोदा मुजफ्फर आलम ने बताया कि मुजफ्फर आलम उर्फ गुलगुला बाबा गरीबों के मसीहा थे उन्होंने अपने इल्म से गरीब गुरबाओं बहुत भलाई की और गरीब कन्याओं को शादी में खुलकर सहयोग भी किया. झारखंड,बिहार,बंगाल,उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश आदि क्षेत्रों से उनके चाहने वाले लोग दरबार में आते थे और अपने दुखों से छुटकारा पाते थे.जिन लोगों ने अपनी फरियाद को उनके सामने रखा सबका भला उन्होने किया जिसके कारण आज उनके चादरपोशी में महिला,पुरुष और बच्चे वह सब शामिल दिखे.
आज बाबा के उर्स पर लगभग 4 दर्जन लोगों ने चादरपोशी की.इस मौके पर उपस्थित जमील अख्तर,मोहम्मद वसीम,मोहम्मद जाकिर,मोहम्मद असलम,मोहम्मद सलाउद्दीन,मोहम्मद असलम, मोहम्मद फिरोज आलम,मोहम्मद ऐहसान करीम खान,मोहम्मद सलीम,मोहम्मद सोनू,मोहम्मद महमूद,मोहम्मद फजल,मोहम्मद सद्दाम,मोहम्मद महमूद,मोहम्मद शब्बीर एवं दार्जिलिंग से पहुंचे शाहबाज आलम आदि सैकड़ों चाहने वाले उपस्थित थे.
ये बताते हैं कि बाबा जब सशरीर थे तो रोजाना उनके पास आने वाले पीड़ित की समस्या खुद ही बताते थे.वे समस्या और समाधान भी बताते थे.उन्होंने बताया कि बाबा ने अपने धरती से जाने (पर्दा) का समय 6 महिने पहले ही बता दिया था.तब उनके चाहने वाले लोग उनके पर्दा का दिन और महिना जानकर चिंतित हो गए लेकिन लोग कहते हैं कि वे जागृत हैं.आज भी उनके मजार पर मन्नते पूरी होती हैं.